उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कंबोडिया की अपनी यात्रा के आखिरी दिन रविवार को यहां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का अभिभाषण एक ऐसा सत्र था जिसमें केवल इसके सदस्यों को ही हिस्सा लेने की अनुमति थी। धनखड़ तीन दिवसीय यात्रा पर कंबोडिया में हैं। इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्रीवर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसके दक्षिण पूर्व एशिया में 10 सदस्य देश हैं जिनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ द्वारा शनिवार को यहां 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के बाद भारत और आसियान देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
50 लाख अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा
जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के अलावा, भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं। धनखड़ ने शनिवार को जन स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष में 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की।
डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने की घोषणा
एक संयुक्त बयान में, आसियान-भारत ने गहरे सभ्यतागत संबंध, समुद्री संपर्क और सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की, जो पिछले 30 वर्षों में मजबूत हुए हैं और आसियान-भारत संबंधों के लिए एक ठोस आधार बन गए हैं। भारत और आसियान देशों ने संयुक्त बयान में डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल व्यापार, डिजिटल कौशल एवं नवाचार में विभिन्न क्षेत्रीय कौशल निर्माण गतिविधियों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की।