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China-Nepal Realation: श्रीलंका के बाद अब नेपाल से नजदीकी बढ़ाने में जुटा चीन, दोनों देशों में होने जा रही ये द्विपक्षीय वार्ता

China-Nepal Realation: भारत की जानी दुश्मन चीन इन दिनों उसके पड़ोसी देशों पर डोरे डालने में जुटा है। श्रीलंका के बिगड़े आर्थिक हालात का फायदा उठाकर पहले उससे नजदीकी बढ़ाने के बाद अब नेपाल से पींगे बढ़ाने में लग गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Published : Sep 04, 2022 18:01 IST, Updated : Sep 05, 2022 11:49 IST
China
Image Source : INDIA TV China

Highlights

  • नेपाल से पींगें बढ़ाने में जुटा चीन
  • भारत के पड़ोसी देशों से चीन क्यों बढ़ा रहा नजदीकी
  • कई बार पहले भी चीन श्रीलंका और नेपाल को कर चुका है भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश

China-Nepal Realation: भारत की जानी दुश्मन चीन इन दिनों उसके पड़ोसी देशों पर डोरे डालने में जुटा है। श्रीलंका के बिगड़े आर्थिक हालात का फायदा उठाकर पहले उससे नजदीकी बढ़ाने के बाद अब नेपाल से पींगे बढ़ाने में लग गया है। इस दिशा में चीन के शीर्ष विधायक और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष ली झांशु 12 से 15 सितंबर तक नेपाल का दौरा करने वाले हैं, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने रविवार को इसकी घोषणा की है। ली झांशु नेपाल प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा के निमंत्रण पर पहुंच रहे हैं। चीन का इरादा भारत के पड़ोसी श्रीलंका और नेपाल को साधना है। ताकि वह भारत के खिलाफ इन्हें भड़का सके।

हालांकि अभी तक चीन अपनी चाल में सफल नहीं हो पाया है। मगर चीन और नेपाल की मदद करने के नाम पर चीन पहले भी इस तरह की कोशिशें कर चुका है। अब ली झांशु, जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी हैं, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ली केकियांग के बाद, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के तीसरे क्रम के सदस्य हैं, जो चीन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है।

20 नवंबर को नेपाल में प्रांतीय चुनाव से पहले यह दौरा अहम

यह यात्रा अक्टूबर में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस से ठीक पहले हो रही है, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी को एक और कार्यकाल विस्तार देने की संभावना है और 20 नवंबर को नेपाल में आम और प्रांतीय चुनाव होंगे। चीन का नेतृत्व, नेपाली कम्युनिस्ट नेताओं, विशेष रूप से सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओवादी सेंटर) को चुनावों के लिए गठबंधन बनाने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। स्पीकर सपकोटा और ली 12 सितंबर को प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

नेपाल में देउबा सरकार बनने के एक वर्ष में चीन का ये है तीसरा दौरा
मंत्रालय ने कहा, सपकोटा उसी शाम ली और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के सम्मान में एक भोज की मेजबानी करेंगे। काठमांडू में शेर बहादुर देउबा की सरकार बनने के बाद पिछले एक साल में चीन से यह तीसरी सबसे बड़ी यात्रा होगी। मार्च में, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, जो चीन के स्टेट काउंसलर भी हैं, ने काठमांडू का दौरा किया था और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी। फिर जुलाई में, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के विदेश विभाग के प्रमुख, लियू जियानचाओ काठमांडू पहुंचे और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं सहित सभी प्रमुख राजनीतिक हितधारकों के साथ बातचीत की।

पूर्व पीएम के साथ भी मुलाकात 
अगस्त में, विदेश मंत्री नारायण खड़का ने चीन के किगदाओ का दौरा किया और अपने चीनी समकक्ष, वांग से मुलाकात की और ताइवान जलडमरूमध्य पर चीन और अमेरिका के बीच हालिया तनाव सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। नेपाल में अपने प्रवास के दौरान, ली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा से शिष्टाचार भेंट करेंगे और मंत्रालय के अनुसार नेशनल असेंबली के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिल्सिना और विदेश मामलों के मंत्री नारायण खडका से मुलाकात करेंगे। इसी तरह, ली पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड से भी द्विपक्षीय मुद्दों पर मुलाकात करेंगे।

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