यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को हथियारों की सप्लाई करने की अमेरिकी और यूरोपीय चिंताओं के बाद चीन का बड़ा बयान सामने आया है। चीन ने भरोसा दिलाया है कि वह रूस या यूक्रेन किसी भी पक्ष को हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा। चीन का यह बयान विशेष रूप से अमेरिका और फ्रांस द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद सामने आया है। अभी कुछ दिनों पहले ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चीन की यात्रा की थी। इस दौरान मैक्रों ने भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह आश्वस्त करने के लिए कहा था कि बीजिंग रूस को हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा।
चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन संघर्ष में शामिल किसी भी पक्ष को हथियार नहीं बेचेगा और असैन्य एवं सैन्य उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को नियंत्रित करेगा। अमेरिका और अन्य देशों ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि चीन रूस को सैन्य सहायता मुहैया कराने पर विचार कर रहा है। कांग ने इन्हीं चिंताओं के मद्देनजर यह बात की। चीन औपचारिक रूप से कहता रहा है कि वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर तटस्थ है, लेकिन उसने राजनीतिक रूप से रूस का समर्थन किया है। कांग ने संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए बातचीत को संभव बनाने में मदद करने की इच्छा दोहराई और कहा कि सभी पक्षों को ‘‘वस्तुनिष्ठ और शांत’’ रहना चाहिए।
जर्मनी की विदेश मंत्री ने चीन से तनाव के लिए ताइवान को जिम्मेदार ठहराया
चीन आईं जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग ने क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने के लिए ताइवान सरकार को जिम्मेदार बताया। बीजिंग ताइवान पर अपना दावा करता है और उसने इस द्वीप को डराने की कोशिश के तहत वृहद स्तर पर सैन्य अभ्यास किए हैं। कांग ने कहा, ‘‘सैन्य सामग्रियों के निर्यात के मामले में चीन विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन संघर्ष के संबंधित पक्षों को हथियार प्रदान नहीं करेगा और कानूनों एवं नियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात का प्रबंधन और नियंत्रण करेगा।’’
जर्मनी ने कहा कि वैश्विक संघर्ष समाप्त करने में चीन का विशेष जिम्मा
इस बीच, बेयरबॉक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य के रूप में चीन की संघर्ष समाप्त करने में मदद करने की विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव का भी उल्लेख किया और कहा कि इस क्षेत्र में संघर्ष एक वैश्विक आपदा बन जाएगा। चीनी विदेश मंत्री ने बेयरबॉक की इन चिंताओं को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि ताइवान ‘‘चीन का आंतरिक मामला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ताइवान की स्वतंत्रता एवं शांति साथ-साथ नहीं हो सकती।’