बीजिंग: पाकिस्तान में कंगाली के बाद अब चीन में भी बदहाली का दौर शुरू हो गया है। दोनों दोस्तों की माली हालत अचानक खस्ता होने लगी है। चीन में मंदी का असर कोरोना काल से ही देखा जा रहा है। इसके बाद चीन के कई उपायों के बावजूद बीजिंग की अर्थव्यवस्था में सुस्ती लगातार जारी है। इससे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। चीन अपनी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हर वह काम कर रहा है, जिसे वह कर सकता है।
बता दें कि इसी बाबत चीन के वित्त मंत्री लैन फोआन ने शनिवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त तरीकों पर विचार कर रही है, लेकिन उन्होंने एक नयी प्रोत्साहन योजना की घोषणा नहीं की। विश्लेषक और शेयर निवेशक मान रहे थे कि सरकार नये प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। लैन की टिप्पणियों ने भविष्य में ऐसी किसी योजना के लिए दरवाजा खुला छोड़ दिया, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन से प्रस्ताव विचाराधीन हैं।
चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ''ऐसे अन्य नीतिगत उपकरण हैं, जिन पर चर्चा की जा रही है, जिन पर अभी भी काम चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि सरकार के बजट में ऋण जुटाने और घाटे को बढ़ाने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। चीन की अर्थव्यवस्था 2022 के अंत में कोविड-19 महामारी से संबंधित प्रतिबंध हटाए जाने के बावजूद सुस्त बनी हुई है। (एपी)
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