Friday, June 28, 2024
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रूस और उत्तर कोरिया में सैन्य डील के बाद अमेरिकी विमानवाहक पोत पहुंचा दक्षिण कोरिया, किम जोंग की बढ़ेगी टेंशन

रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुए सैन्य समझौते ने दक्षिण कोरिया से लेकर अमेरिका और जापान की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे वक्त में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग को जवाब देने के लिए अमेरिका ने अपना परमाणु ऊर्जा विमानवाहक पोत दक्षिण कोरिया भेजकर खलबली मचा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 23, 2024 10:41 IST
दक्षिण कोरिया पहुंचा अमेरिकी विमानवाहक पोत। - India TV Hindi
Image Source : AP दक्षिण कोरिया पहुंचा अमेरिकी विमानवाहक पोत।

सियोल: रूस और उत्तर कोरिया में सैन्य डील के बाद दक्षिण कोरिया के साथ तनाव चरम पर पहुंच चुका है। दक्षिण कोरिया रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हुई इस डील से आग बबूला है। दक्षिण कोरिया ने तुरंत मॉस्को को प्योंगपांग को सैन्य सहायता देने वाली डील रद्द करने की मांग की है। साथ ही रूसी राजदूत को वह इस मामले में तलब करके अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुका है। मगर रूस ने दक्षिण कोरिया की मांग को खारिज कर दिया है। उधर किम जोंग उन पहले से ही दक्षिण कोरिया से खासे खफा हैं। इस बीच दक्षिण कोरिया में पहुंचे अमेरिका के परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत ने सभी खेमों में खलबली मचा दी है।

अमेरिका का यह विमान वाहक शनिवार को जापान के साथ त्रिपक्षीय अभ्यास के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचा है। इससे किम जोंग उन की टेंशन बढ़ना लाजमी है। दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका मिलकर उत्तर कोरिया से लगातर मिल रही धमकियों के बीच यह सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। उत्तर कोरिया और रूस के बीच हाल में हुए नए समझौते ने इन देशों की चिताएं बढ़ा दी हैं। विमानवाहक पोत ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट’ के बुसान पहुंचने से एक दिन पहले दक्षिण कोरिया ने रूस के राजदूत को तलब कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुए एक बड़े समझौते पर आपत्ति जताई थी।

रूस और उत्तर कोरिया को ताकत दिखाने के लिए हो रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास

अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षा प्रमुखों ने इस माह की शुरुआत में सिंगापुर में मुलाकात की थी तथा साथ मिलकर ‘फ्रीडम एड्ज’ अभ्यास की घोषणा की थी। दक्षिण कोरिया की सेना ने फिलहाल इस अभ्यास के बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी है। ‘कैरियर स्ट्राइक ग्रुप नाइन’ के कमांडर रियर एडमिरल क्रिस्टोफर अलेक्जेंडर ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य जहाजों की सामरिक दक्षता को बढ़ाना और देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बेहतर बनाना है ताकि किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार रहा जा सके। (एपी) 

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