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गलवान घाटी हिंसा और तवांग के तनाव के बाद चीन ने भारतीय सेना को लेकर कही ये बड़ी बात, भरोसा करना होगा मुश्किल

भारत और चीन के बीच एलएसी पर लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन की सेना ने भारत के साथ संबधों को लेकर नई बात कही है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह भारत के साथ और उसकी फौज के साथ हमेशा अपने संबंधों को महत्व देते हैं। चीन ने कहा कि सीमा पर कई दौर की वार्ता के बाद तनाव कम हुए हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 30, 2023 22:06 IST, Updated : Nov 30, 2023 22:06 IST
भारत-चीन बॉर्डर।
Image Source : AP भारत-चीन बॉर्डर।

गलवान घाटी की हिंसा और तवांग में झड़प के बाद से ही भारत और चीन के संबंध नाजुक चल रहे हैं। अब करीब 3 वर्ष बाद चीन ने भारत के साथ सैन्य संबधों को लेकर बड़ी बात कही है। हालांकि चीन की बातों पर भरोसा करना मुश्किल होगा। चीन के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि इसकी फौज भारतीय सेना के साथ अपने संबंधों को महत्व देती है और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बीच कोर कमांडर स्तर की 20 दौर की वार्ताओं से तनाव घटाने में मदद मिली है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक एवं सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है।

भारत यह कहता रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल होने तक चीन के साथ इसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वु छियान ने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं के मार्गदर्शन के तहत, दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये प्रभावी संवाद कायम रखा है तथा ‘वेस्टर्न सेक्टर’ में शेष मुद्दों का हल करने में क्रमिक प्रगति की है। गतिरोध का समाधान करने के लिए अब तक हुई कोर कमांडर स्तर की 20 दौर की वार्ताओं में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा नियंत्रण के लिए वार्ता एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है तथा इसने गलवान घाटी, पैंगोंग झील और हॉट स्प्रिंग्स सहित चार क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने में भूमिका निभाई है।

भारत इस मुद्दे पर दे रहा जोर

भारतीय पक्ष डेपसांग और डेमचोक इलाकों में लंबित मुद्दा का हल करने पर जोर दे रहा है। कर्नल वु ने कहा, ‘‘चीन, भारत-चीन सैन्य संबंध को महत्व देता है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष परस्पर विश्वास बहाल करने, उपयुक्त तरीके से मतभेदों को दूर करने और सीमाओं पर शांति एवं स्थिरता के लक्ष्य पर पहुंचने के लिए हमारे साथ काम करेगा।’’ कोर कमांडर स्तर की पिछली वार्ता, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय सीमा की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर नौ-10 दिसंबर को हुई थी। हालांकि, कर्नल वु ने अगले दौर की वार्ता के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कोर कमांडर स्तर की अगली बैठक के लिए हम आने वाले समय में सूचना देंगे।’  (भाषा) 

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