Monday, July 01, 2024
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श्रीलंका में नहीं गली दाल...तो चीन अब नेपाल में चल रहा भारत के खिलाफ नई चाल

चीन ने भारत के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए श्रीलंका और नेपाल के रास्ते घुसपैठ का रास्ता लंबे समय से तलाशता रहा है। इसमें वह काफी हद तक सफल भी रहा है। हालांकि श्रीलंका में चीन की दाल बहुत अधिक नहीं गल पाई तो अब वह नेपाल को रिझाने में जुटा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 27, 2024 16:49 IST
चीन और नेपाल के नेताओं के बीच बैठक (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : REUTERS चीन और नेपाल के नेताओं के बीच बैठक (प्रतीकात्मक फोटो)

काठमांडू: चीन ने श्रीलंका को अपने जाल में फंसाने और उसके क्षेत्र में घुसपैठ करके भारत की घेराबंदी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मगर जब जब उसे कोलंबो में कामयाबी नहीं मिली तो अब वह नेपाल में नई चाल चलने में लग गया है। नेपाल और भारत की दोस्ती में दरार लाने के लिए चीन वर्षों से प्रयास करता रहा है, लेकिन उसे बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद वह अपनी हरकतों को जारी रखे है। इस दौरान चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग नेपाल में हैं। उन्होंने बुधवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों, आपसी हितों से जुड़े मुद्दों और साझा चिंताओं पर चर्चा की।

राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, बैठक के दौरान राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि नेपाल और चीन के बीच महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक विकास साझेदारी रही है तथा उन्होंने सात दशकों से नेपाल की विकास योजनाओं में हमेशा योगदान दिया है। पौडेल ने यह भी कहा कि नेपाल 2026 में अल्प विकसित देशों (एलडीसी) की श्रेणी से बाहर निकलने की योजना बना रहा है और उनका मानना है कि उत्तरी पड़ोसी देश नेपाल को उसके बाद भी सहायता देना जारी रखेगा। तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आए सुन ने उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों एवं सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। विदेश मंत्री श्रेष्ठ ने कहा कि चीन लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा, "विकास के विभिन्न क्षेत्रों में चीन की ओर से नेपाल को लगातार समर्थन मिलता रहा है।"

नेपाल में विकास के बहाने रणनीतिक बढ़त बनाने में लगा चीन

चीन नेपाल में विकास कराने के बहाने भारत के खिलाफ रणनीतिक बढ़त बनाने में जुटा है। नेपाल के राष्ट्रपति ने चीनी मदद का आभार जताया। साथ ही उन्होंने चीनी सरकार से भविष्य में भी नेपाल को समर्थन देने का आग्रह किया। इसके अलावा नेपाल और चीन के बीच विभिन्न चौकियों के संचालन के संबंध में भी चर्चा हुई। इससे पूर्व मंगलवार को सुन और नेपाल के विदेश सचिव सेवा लामसाल ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्ष की थी। नेपाल-चीन राजनयिक परामर्श तंत्र की 16 वीं बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ‘‘परस्पर रूप से सहमत क्षेत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने को प्रतिबद्धता व्यक्त की। चीनी उप मंत्री ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' से मुलाकात कर आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।  (भाषा) 

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