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चीन के बाद श्रीलंका से अन्य देश भी खरीदना चाहते हैं बंदर, आखिर क्यों?

चीन ने अप्रैल माह में श्रीलंका से बंदरों की मांग की थी। अब इसे लेकर खबरें फिर चर्चा में हैं। श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने संसद में बताया कि चीन की मांग के बाद अन्य देशों ने भी इस तरह का अनुरोध किया है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: October 06, 2023 11:25 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

इस साल अप्रैल माह में चीन ने श्रीलंका से बंदरों को भेजने की अपील की थी। दरअसल, आप भी सोचेंगे कि श्रीलंका से चीन बंदरों की निर्यात क्यों करना चाहता है, तो हम आपको बता दें कि श्रीलंका से चीन एक खास प्रजाति की बंदरों की मांग कर रहा है। चीन अपने चिड़ियाघरों के लिए टोके मकाका प्रजताति के बंदरों को खरीदना चाहता है। इसे लेकर अप्रैल में श्रीलंका ने इस प्रजाति के बंदरों को चीन भेजने की योजना बनाई थी, जिसका खुलासा श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने किया था। हालांकि, अब एक बार फिर ये खबर चर्चा में है।

श्रीलंका से बंदरों के निर्यात की मांग

दरअसल, श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने संसद को बताया है कि अप्रैल महीने में चीन ने श्रीलंका से बंदरों के निर्यात की मांग की थी। इसके बाद अन्य देशों ने भी बंदरों के निर्यात की अपील की है। अमरवीरा ने कहा कि अप्रैल में चीन ने बंदरों को लेकर जो मांग की थी उसी प्रकार का अनुरोध अन्‍य कई देशों के चिड़ियाघरों से टोक मकाक बंदरों के लिए आया है। विपक्ष की ओर से उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने ये बता कही। उन्होंने कहा, मैं उन्हें अपने देशों के संबंधित दूतावासों के जरिए अनुरोध करने के लिए सूचित करता हूं।

विरोध के बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा

बता दें कि अप्रैल में चीन की एक निजी फर्म ने एक लाख बंदरों के लिए अनुरोध किया था। मंत्री और श्रीलंका सरकार इस अपील पर सहमत हो गए थे, लेकिन पर्यावरण और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका कड़ा विरोध किया और मामला कोर्ट में जा पहुंचा। दरअसल, श्रीलंकाई सरकार फसलों को होने वाले नुकसान से बचने के उपाय के रूप में बंदरों के निर्यात पर सहमत हो गई थी, लेकिन पशु और वन्यजीव संरक्षण संगठनों सहित 30 पक्षों ने बंदरों के निर्यात के सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी।

श्रीलंका में टोके मकाक प्रजाति के बंदर 

शिकायतकर्ताओं को आशंका थी कि बंदरों का इस्तेमाल मांस के लिए किया जाएगा, जबकि अन्य लोगों ने दावा किया कि बंदरों का इस्तेमाल चिकित्सा अनुसंधान के लिए किया जाएगा। विरोध के बीच, जून में सरकार ने बंदरों को चीन निर्यात करने का विचार छोड़ दिया। बता दें कि श्रीलंका में फिलहाल टोके मकाक प्रजाति के 30 लाख से ज्यादा बंदर हैं।

- IANS इनपुट के साथ 

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