ताइपे: ताइवान में नये राष्ट्रपति के उद्घघाटन भाषण के जवाब में चीन द्वारा आस-पास के क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करके लाई चिंग ते का तनाव बढ़ा दिया है। चीन पहले ही कई बार कह चुका है कि वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसका विलय करने के लिए सैन्य इस्तेमाल की जरूरत पड़ी तो वह भी कर सकता है। ताइवान में सत्ता बदलने के बाद चीन की सैन्य ताकत का प्रदर्शन और अभ्यास उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। ऐसे में ताइवान की मदद को अब अमेरिका आगे आया है।
अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को नये नेता से मुलाकात कर अपना समर्थन जाहिर किया। अमेरिकी कांग्रेस में ताइवान कॉकस के सह-अध्यक्ष प्रतिनिधि एंडी बार्र ने कहा कि अमेरिका, ताइवान की सेना, कूटनीति और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। केंटकी के प्रतिनिधि ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''अमेरिका, ताइवान में यथास्थिति और शांति बनाए रखना चाहता है और इसको लेकर अमेरिका, ताइवान या फिर दुनिया में कहीं भी किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं होना चाहिए।''
ताइवान के खिलाफ चीन कर रहा कई आक्रामक कार्रवाई
ताइवान के नये विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग ने हाल ही में चीन द्वारा किये गये सैन्य अभ्यासों पर गौर करते हुए इस महत्वपूर्ण समय में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से एकजुटता का संकेत दिखाने के लिए मुलाकात करने का आह्नान किया था। प्रतिनिधिमंडल में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष प्रतिनिधि माइकल मैककॉल ने किया। पिछले वर्ष अप्रैल में ताइवान की यात्रा के बाद रिपब्लिकन पार्टी के टेक्सास प्रतिनिधि पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया था। (एपी)
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