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Highlights
- कमांडर की पत्नी लोगर के बरकी बराक जिले की रहने वाली है
- वायरल हुए वीडियो की देशभर में आलोचना हो रही है
- लड़की के पिता को 12 लाख अफगानी दहेज के तौर पर दिया
Afghanistan: अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान आए दिन चर्चा में बने रहता है। अब तालिबान अपने एक कमांडर को लेकर सुर्खियों में है। यहां एक तालिबानी कमांडर अपनी नई नवेली दुल्हन को सेना के हेलीकॉप्टर में बिठाकर घर लाया। इस कमांडर के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसने अपनी पत्नी के पिता को दहेज के रूप में 12,00,000 अफगानी रुपये दिए। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर इस कमांडर को हक्कानी शाखा से संबद्ध बताया जा रहा है। वायरल हुए एक वीडियो में तालिबानी कमांडर की पत्नी को सेना के हेलीकॉप्टर से एक घर के पास उतरते देखा जा सकता है।
उप प्रवक्ता ने किया कमांडर का बचाव
कमांडर की पत्नी लोगर के बरकी बराक जिले की रहने वाली है और कमांडर का घर खोस्त प्रांत में है। हालांकि, तालिबान के उप प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने इसे अफवाह करार दिया है। उसने कहा है कि तालिबान सरकार इस आरोप का खंडन करती है। वायरल हुए इस वीडियो की देशभर में आलोचना हो रही है। इस वीडियो पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि तालिबानी कमांडर की यह हरकत लोया जिरगा में सुप्रीम लीडर के दिए गए भाषण के विपरीत है।
शादी के लिए 12 लाख अफगानी दहेज में दिए
आम नागरिकों ने सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग को लेकर इंटरनेट मीडिया पर विरोध दर्ज कराया है। स्थानीय मीडिया ने दावा किया है कि कमांडर ने लड़की के पिता को शादी के लिए 12 लाख अफगानी दहेज के तौर पर दिया।
मदद से खुश होकर तालिबान ने की भारत की तारीफ
वहीं, आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद वहां भगदड़ मच गई थी। स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ दुनियाभर के देशों के दूतावास बंद कर दिए गए थे। दूतावासों में काम कर रहे अधिकारियों को वापस अपने देश बुला लिया गया था। लेकिन अब करीब 10 महीने बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोल दिया है। संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में भारतीय टेक्निकल टीम भी पहुंच चुकी है।
भारत के इस फैसले के बाद तालिबान की सरकार ने खुशी व्यक्त की। तालिबान के प्रवक्ता अब्दुल कहार बाल्खी ने कहा कि, अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (LEA) ने अफगान लोगों के साथ अपने संबंधों और उनकी मानवीय सहायता को जारी रखने के लिए काबुल में अपने दूतावास में राजनयिकों और तकनीकी टीम को वापस करने के भारत के फैसले का स्वागत किया है।"