इस्लामाबादः भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान अपने एक अजीबोगरीब फैसले से चर्चा में है। अफगानिस्तान ने जिंदा प्राणियों की तस्वीरें खींचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मामला अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत से जुड़ा है। जहां हेलमंद प्रांत ने तालिबान के नैतिकता कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मीडिया में जीवित प्राणियों की तस्वीरें दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। फैसले की घोषणा हेलमंद में सूचना मंत्रालय के अधिकारियों ने की। इंसानों और जानवरों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर नियंत्रण लगाने वाला यह नवीनतम प्रांत है।
अगस्त में देश के नैतिकता संबंधी मंत्रालय ने सार्वजनिक परिवहन, हजामत बनाने, मीडिया और समारोहों जैसे रोजमर्रा के जीवन के पहलुओं को विनियमित करने वाले कानून प्रकाशित किए, जो अधिकारियों द्वारा इस्लामी कानून या शरिया की व्याख्या को दर्शाते हैं। अनुच्छेद 17 जीवित प्राणियों की तस्वीरों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाता है। हेलमंद के अधिकारियों ने कहा कि जीवित प्राणियों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी तत्काल बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कानून के क्रियान्वयन और इससे छूट के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी। पिछले हफ्ते तालिबान द्वारा संचालित मीडिया ने कानून का पालन करते हुए तखर, मैदान वरदक और कंधार प्रांतों में जीवित प्राणियों की तस्वीरें दिखाना बंद कर दिया।
निजी चैनलों ने फॉलो करना शुरू किया नियम
कुछ निजी चैनलों ने भी कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए जीवित प्राणियों की तस्वीरें और वीडियो दिखाना बंद कर दिया है। ईरान और सऊदी अरब सहित कोई भी मुस्लिम बहुल देश इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाता है। 1990 के दशक के अंत में अपने पिछले शासन के दौरान, तालिबान ने अधिकतर टेलीविजन, रेडियो और समाचार पत्रों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। बृहस्पतिवार को सूचना मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने 400 किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो इस्लामी और अफगान मूल्यों के विपरीत हैं। प्रतिबंधित किताबों को दुकानों और प्रकाशन गृहों से एकत्र कर लिया गया है और उनके स्थान पर कुरान समेत धार्मिक ग्रंथ रख दिए गए हैं।’ (एपी)
यह भी पढ़ें
फ्रांस की वजह से इजरायल ने पहली बार युद्ध में मार गिराए कई लेबनानी सैनिक, मैक्रों के साथ बढ़ेगा तनाव