Afghanistan India Pakistan: अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद जहां पाकिस्तान से तालिबान सरकार की तनातनी बढ़ गई है, वहीं तालिबान सरकार भारत के साथ रिश्तों को सुदृढ़ बनाने के कदम उठा रही है। ताजा मामले में अफगानिस्तान एक बार फिर भारत में दूतावास का कामकाज शुरू करेगा। यह बात अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश उपमंत्री ने कही। तालिबान की सरकार बनने के बाद देश में आई आर्थिक चुनौतियों और खाने के संकट के बीच भारत ने मदद के लिए भारतीय गेहूं पाकिस्तान के रास्ते से अफगानिस्तान भेजा। वहीं दूसरेी ओर तालिबान और पाकिस्तान के बीच मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।
तालिबान शासन में उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने कहा है कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास अगले कुछ दिनों में अपना काम-काज फिर से शुरू करेगा। स्टानिकजई ने अफगान प्रसारक आरटीए को बताया कि हैदराबाद और मुंबई में अफगान वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने काबुल से निर्देश के बाद दूतावास का दौरा किया है।
भारत से अच्छे संबंध चाहता है अफगानिस्तान
तालिबान नेता ने कहा कि अफगानिस्तान पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। अफगान दूतावास में काम-काज फिर से शुरू करने के बारे में उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राजदूत फरीद ममुंडजे के नियंत्रण वाले मिशन ने कुछ दिन पहले ‘भारत सरकार की ओर से लगातार चुनौतियों’ का हवाला देते हुए दूतावास स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी।
पहले की थी दूतावास बंद करने की घोषणा
अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त मामुंडजे पिछले कुछ महीनों से भारत से बाहर हैं। दूतावास ने शुक्रवार को इसे स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नियुक्त दूतावास में राजनयिकों ने 30 सितंबर को भी घोषणा की थी कि मिशन एक अक्टूबर से अपना कामकाज बंद कर रहा है, इस दौरान ‘सरकार पर सहयोग नहीं करने का’ का आरोप भी लगाया गया था।
पाकिस्तान से क्यों बिगड़ रहे तालिबान सरकार के संबंध?
अफगानिस्तान और भारत के संबंध जहां प्रगाढ़ हो रहे हैं, वहीं पाकिस्तान से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की तनातनी और बढ़ गई है। पाकिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान टीटीपी आतंकियों को जिम्मेदार बताता है। पाकिस्तान का मानना है कि इन आतंकवादियों को तालिबान सरकार की ओर से संरक्षण प्राप्त है। इसी बीच पाकिस्तान ने बुधवार को एक अफगान राजनयिक को बुलाकर खैबर पख्तूनख्वा के एक हमले के जिम्मेदार मुख्या आतंकी के प्रत्यर्पण की मांग की है।