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अदाणी ने बांग्लादेश को सिखाया सबक, ढाका समेत कई शहरों में अंधेरा

अदाणी ने बांग्लादेश को ऐसा सबक सिखाया है कि उसे समझ नहीं आ रहा है अब इसका क्या रास्ता निकाले। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से ही बांग्लादेश ने भारत के साथ अपने संबंधों को सीमित कर लिया है। लिहाजा अब उसे अदाणी ग्रुप से तगड़ा झटका लगा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 01, 2024 19:58 IST, Updated : Nov 01, 2024 19:58 IST
अदाणी ग्रुप।
Image Source : AP अदाणी ग्रुप।

ढाका: बांग्लादेश की सत्ता से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेदखल होने के बाद से ही नई दिल्ली और ढाका के रिश्तों में तनाव आ गया है। पूर्व पीएम हसीना को अपदस्थ किए जाने के बाद बांग्लादेश के हिंदुओं पर बड़ा जुर्म भी ढाया गया। अब उसी बांग्लादेश को अदाणी ग्रुप ने ऐसा सबक सिखाया है कि उसे रोते नहीं बन रहा। अदाणी समूह के एक कदम ने बांग्लादेश के ज्यादातर शहरों को अंधेरे में डुबा दिया है। मामला बिजली भुगतान को लेकर जुड़ा है। बांग्लादेश ने अभी तक अदाणी ग्रुप का बड़ी मात्रा में बिजली बिल चुकता नहीं किया है। इसके बाद यह कदम उठाया गया है। 

बता दें कि बिजली कंपनी अदाणी पावर के पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) ने 84.6 करोड़ डॉलर का बिल बकाया होने की वजह से बांग्लादेश को अपनी बिजली आपूर्ति घटाकर आधा कर दी है। इससे बांग्लादेश के कई शहरों को होने वाली बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। समाचार पत्र 'डेली स्टार' में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला है कि अदाणी समूह के बिजली संयंत्र ने बृहस्पतिवार रात को आपूर्ति कम कर दी थी।

1600 मेगावाट से ज्यादा किल्लत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार के बीच की रात में 1,600 मेगावाट से अधिक बिजली की किल्लत की सूचना दी। इसकी वजह यह है कि करीब 1,496 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र अब एक इकाई से 700 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन कर रहा है। इससे पहले अदाणी कंपनी ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बांग्लादेश बिजली विकास बोर्ड (पीडीबी) से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा जाए। अदाणी समूह की कंपनी ने 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा था कि यदि बकाया बिलों का भुगतान नहीं होता है तो वह 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति निलंबित करके बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उपतचारात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगी।

जानें क्या है मामला

कंपनी ने कहा कि पीडीबी ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की राशि की ऋणसुविधा दी है और और न ही 84.6 करोड़ डॉलर की बकाया राशि का भुगतान किया है। समाचार पत्र ने पीडीबी के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से एपीजेएल पिछले महीनों की तुलना में अधिक शुल्क ले रही है। उन्होंने कहा कि पीडीबी हर सप्ताह करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि शुल्क 2.2 करोड़ डॉलर से अधिक है। बकाया भुगतान फिर से बढ़ने की यही वजह है।

अतिरिक्त भुगतान के बारे में इस अधिकारी ने कहा कि जब पीडीबी ने पिछले साल फरवरी में कोयले की कीमत को लेकर सवाल उठाए थे तो एक पूरक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसमें अदाणी समूह की कंपनी को अन्य कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा लगाए गए दरों से कम कीमतें रखने के लिए बाध्य किया गया था। रिपोर्ट कहती है कि एक साल के पूरक सौदे की अवधि पूरी होने के बाद अदाणी पावर ने फिर से पीपीए के अनुसार शुल्क लेना शुरू कर दिया है। (भाषा)

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