इस्लामाबाद/पेशावर: पिछले कुछ महीनों से बेहद तल्ख चल रहे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है। दरअसल, करीब 800 अफगान नागरिकों को हिरासत में लिए जाने पर गहरी चिंता जताते हुए इस्लामाबाद में स्थित अफगानिस्तान दूतावास ने दावा किया है कि दस्तावेजों को लेकर अस्पष्टता के कारण ‘मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने और निर्वासित किए जाने’ के चिंताजनक मामले सामने आए हैं। दूतावास के मुताबिक, जिन 800 अफगानों को हिरासत में लिया गया है उनमें वैध वीजा, रजिस्ट्रेशन कार्ड का प्रमाण (POR) और अफगान नागरिक कार्ड (ACC) रखने वाले नागरिक भी शामिल हैं।
पाकिस्तान ने कहा, अवैध आप्रवासियों को कर रहे बाहर
अफगानिस्तान के दूतावास ने कहा है कि वह अफगान नागरिकों की बेवजह गिरफ्तारी, घर की तलाशी और जबरन वसूली की खबरों को लेकर खासतौर से चिंतित है। दूतावास ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हम पाकिस्तान सरकार से इन गंभीर चिंताओं का तुरंत हल निकालने की अपील करते हैं।’ दूतावास के दावे पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि वे सिर्फ अवैध आप्रवासियों को बाहर कर रहे हैं। वैध वीजा, POR और ACC रखने वाले समेत करीब 800 अफगान नागरिकों को इस्लामाबाद में हिरासत में लिए जाने पर गहरी चिंता जताते हुए दूतावास की पोस्ट में कहा गया है, ‘NOC प्राप्त करने की शर्तों पर स्पष्टता की कमी के कारण मनमाने ढंग से हिरासत और निर्वासन के चिंताजनक मामले सामने आए हैं।’
मानवाधिकार संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप की अपील
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्वासित लोगों में से 137 ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही अपने वीजा के रिन्यूअल के लिए अप्लाई कर दिया है, और इनमें अस्थायी SHARP/UNHCR रजिस्ट्रेशन वाले लोग भी शामिल हैं। शार्प यानी सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिज़नर्स एड, पाकिस्तान में UNHCR के साथ काम करता है। इसने कहा, ‘इस तरह हिरासत में लिए जाने से महिलाओं और बच्चों सहित कई परिवार अलग हो गए हैं, जिनमें से कई अभी भी पाकिस्तान में फंसे हुए हैं।’ अफगानिस्तान की चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार से आग्रह करते हुए दूतावास ने कहा कि संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों को मामले के बारे में सूचित कर दिया गया है। UNHCR और अन्य मानवाधिकार संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील भी की गई है।
2023 के अंत से वतन वापस भेजे जा रहे अफगान
वर्ष 2023 के अंत से पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों को अपनी अर्थव्यवस्था पर बोझ मानते हुए उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी। जुलाई 2024 में, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से उन अफगान शरणार्थियों की स्थिति पर चर्चा की, जो पाकिस्तान द्वारा ‘बिना दस्तावेज वाले विदेशियों’ को वापस भेजने की योजना के बाद अनिश्चितता में थे। शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान शरणार्थियों के बोझ की समस्या को हल करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी दिखाने की अपील की। साथ ही पाकिस्तान ने अफगान तालिबान से जुड़े तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। (भाषा)