India-Saudi arab: इंडियन एयरफोर्स के 8 लड़ाकू विमान सऊदी अरब की धरती पर उतरे हैं। ये अब तक के इतिहास में पहला मौका है कि जब भारतीय वायुसेना के विमान सऊदी अरब की धरती पर उतरे हों। 26 फरवरी को 8 भारतीय लड़ाकू विमान सऊदी अरब के एयरबेस पर उतरे थे। इसे एक 'फ्रेंडली' स्टॉपओवर के रूप में बताया जा रहा है। इसके तहत यहां विमानों में ईंधन भरा गया और रखरखाव की जांच की गई।
आज से पहले सऊदी अरब के किसी एयर बेस पर भारतीय वायु सेना का विमान नहीं उतरा था। इस घटना को भारत और सऊदी अरब के संबंधों में ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है। परंपरागत रूप से डिफेंस के मामले में सऊदी अरब पाकिस्तान का करीबी है। यही कारण है कि सऊदी ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को कम कर रखा था। लेकिन, वर्तमान रणनीतिक स्थितियों को देखते हुए सऊदी अरब तेजी से अपने संबंधों को भारत के साथ मजबूत कर रहा है।
सऊदी पहुंचे भारतीय इंडियन एयरफोर्स के ये विमान
बताया जा रहा है कि जिन भारतीय विमानों ने सऊदी अरब के एयरफोर्स बेस पर लैंड किया, उनमें 5 मिराज 2000 लड़ाकू विमान, दो सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान और एक आईएल-78 टैंकर शामिल था। इन विमानों में 145 एयर वॉरियर्स भी मौजूद थे। ये रात भर सऊदी अरब के बेस पर रुके रहे और सुबह रवाना हुए। इस ऐतिहासिक मौके पर भारतीय राजदूत डॉ सुहेल अजाज़ खान, डिफेंस अटैशे कर्नल जीएस ग्रेवाल ने भारतीय एयर वॉरियर्स से मुलाकात की। भारतीय वायु सेना की यह टीम 27 फरवरी को ब्रिटेन में होने वाले कोबरा वॉरियर्स 23 अभ्यास में भाग लेने के लिए रवाना हुई थी। मुलाकात के दौरान भारतीय राजदूत डॉ खान ने भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते संबंधों पर प्रकाश डाला।
पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
भारतीय वायु सेना के सऊदी एयरबेस पर उतरने पर पाकिस्तान को डर है कि कहीं सऊदी अरब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए उसका साथ छोड़कर भारत का हाथ न थाम ले। पाकिस्तान शुरू से ही सऊदी अरब की सेनाओं को ट्रेनिंग देता रहा है। वर्तमान में भी पाकिस्तानी सेना का एक छोटा दल सऊदी अरब में मौजूद है। अगर डिफेंस को लेकर पाकिस्तान और सऊदी अरब में दूरियां बढ़ी तो यह भारत के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी होगी। पाकिस्तान इसी के एवज में सऊदी अरब से पैसे एंठता है।