Highlights
- यमन में गिरफ्तार 7 भारतीय नाविक रिहा
- ओमानी विदेश मंत्री ने की पुष्टि
- भारत के विदेश मंत्री ने कहा- 'शुक्रिया मेरे दोस्त'
नयी दिल्ली: यमन की राजधानी सना में रविवार को रिहा किए गए 14 विदेशियों में सात भारतीय नाविक भी शामिल हैं। ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी ने यह जानकारी दी। यह क्षेत्र हाउती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। यमन के हाउती विद्रोहियों ने तीन महीने पहले संयुक्त अरब अमीरात के एक व्यापारी जहाज को जब्त कर लिया था। उसी दौरान भारतीय नाविकों और कई दूसरे देशों के करीब सात अन्य लोगों को विद्रोहियों ने बंदी बना लिया था।
ओमान के विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
अलबुसैदी ने सात भारतीयों सहित 14 लोगों की रिहाई की पुष्टि की है। ओमान के विदेश मंत्री ने ट्वीट किया- 'यह पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है कि कैप्टन कार्लोस डेमाटा, मोहम्मद जशीम खान, अयानाचेव मेकोनेन, दीपाश मुता परम्बिल, अखिल रेघु, सूर्य हिदायत परमा, श्रीजीत सजीवन, मोहम्मद मुनवर समीर, संदीप सिंह, ल्यूक साइमन और उनकी पत्नी और बच्चे, मौंग थान और वीरा वीएसएसजी वासमसेट्टी को आज यमन में हिरासत से रिहा कर दिया गया है।"
भारत के विदेश मंत्री ने शुक्रिया अदा किया
अलबुसैदी के ट्वीट का जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मामले में ओमान की मदद के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। जयशंकर ने ट्वीट किया- 'आपकी मदद और सहायता के लिए शुक्रिया मेरे दोस्त बद्र अलबुसैदी। भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी का इंतजार है।'
कौन हैं हाउती विद्रोही?
हाउती विद्रोहियों का उदय 1980 के दशक में हुआ। हाउती विद्रोही उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार का विरोध करते हैं। जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी उस समय शियाओं की दमन की कोशिश हुई। हाउतियों का मानना है कि सालेह की आर्थिक नीतियों की वजह से उत्तरी यमन में असामनता बढ़ी। 2000 के दशक में हाउतियों ने अपनी सेना बना ली। 2014 में हाउती विद्रोहियों ने अबेद रब्बो मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर दिया और राजधानी साना को अपने कब्जे में लिया।