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फिलीपींस में 6.7 तीव्रता का भूकंप, जानें कैसे हैं हालात

फिलीपींस प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से में बसा हुआ है। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है, जहां भूकंप और ज्वालामुखी फटने जैसी लगातार प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं।

Edited By: Shakti Singh
Published on: August 03, 2024 6:48 IST
Representative Image- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप के पूर्वी तट पर शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.7 थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बताया कि भूकंप का केन्द्र जमीन से 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.8 थी। अमेरिकी राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि भूकंप से सुनामी का कोई खतरा नहीं है।

फिलीपीन भूकंप विज्ञान एजेंसी PHIVOLCS ने कहा कि इस भूकंप से नुकसान की आशंका नहीं है, लेकिन उसने बाद में महसूस होने वाले झटकों की चेतावनी दी है। फिलीपींस प्रशांत महासागर के "फायर रिंग" में है, जहां ज्वालामुखी गतिविधि और भूकंप आम बात है।

फिलीपींस में बड़े भूकंप का डर

फिलीफींस में हमेशा से ही भूकंप आते रहे हैं, लेकिन वहां के लोगों को एक बड़े भूकंप का डर है, जिससे बड़ी संख्या में लोग मारे जाएंगे और देश तबाह हो जाएगा। बड़े भूकंप की कहानियां यहां कई पीढ़ियों से चली आ रही हैं। फिलीपींस में जापान की तरह ऐसे घर नहीं हैं, जिन पर भूकंप का असर न हो या बेहद कम हो। इसके बावजूद यहां के लोग भूकंप और ज्वालामुखी फटने की घटना को लेकर अभ्यस्त हो चुके हैं। इसी वजह से रिक्टर स्केल पर 6 से ज्यादा तीव्रता होने के बावजूद वहां कोई नुकसान नहीं हुआ। भारत जैसे देश जहां भूकंप का खतरा अपेक्षाकृत कम है। यहां 6 की तीव्रता का भूकंप काफी तबाही मचा सकता है। 

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

हर साल दुनिया में आते हैं करीब 20 हजार भूकंप

हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर इन भूकंप को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के मुताबिक, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप हिंद महासागर में 2004 में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक महसूस किया गया था। 

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?

  • 0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
  • 2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
  • 3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
  • 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है 
  • 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
  • 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है 
  • 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं 
  • 8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
  • 9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा

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