काबुल बम धमाकों में कई अमेरिकी नागरिकों की मौत: पेंटागन
एशिया | 26 Aug 2021, 8:43 PMइससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
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इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
काबुल एयरपोर्ट पर और भी हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद से अफरातरफी का माहौल है। काबुल से आईं तस्वीरों में लोगों को लहूलुहान और जान बचाकर भागते हुए देखा जा सकता है।
काबुल एयरपोरर्ट पर गुरुवार शाम एक के बाद एक लगातार दो धमाके हुए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कुल 2 हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की।
काबुल एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कुल 2 हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की। इस ब्लास्ट में तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की बहुत विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि फिलहाल हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला पूरी तरह से तालिबान की दया पर निर्भर हैं।
अफगानिस्तान में सरकार गठन की अटकलों के बीच तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे ऐसी सरकार चाहते हैं जो मजबूत हो और इस्लाम पर आधारित हो और जिसमें सभी अफगान शामिल हों।
अफगानिस्तान में टोलो न्यूज को रिपोर्टर की तालिबान द्वारा हत्या की खबर अफवाह साबित हुई है। तालिबान के लोगों ने टोलो न्यूज रिपोर्टर के साथ मारपीट की थी जबकि हत्या की अफवाह उड़ा दी गई।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की डेडलाइन 31 अगस्त तक की है। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना का नियंत्रण है और वहां से सारी उड़ानें उसी के मुताबिक संचालित हो रही हैं।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से सुरक्षित जगहों पर जाने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा है।
काबुल से भारतीय वीजा वाले कई अफगान पासपोर्ट चोरी हो गए हैं और इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है।
वियतनाम दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों का मुखर विरोधी रहा है और वह अमेरिका के एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरा है।
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