अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाकों पर ताबड़तोड़ हमले, 5 की मौत
एशिया | 22 Sep 2021, 5:57 PMएक अलग हमले में वाहन को बम से निशाना बनाने पर एक अन्य बच्चे की मौत हो गई और तालिबान के 2 लड़ाके घायल हो गए।
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एक अलग हमले में वाहन को बम से निशाना बनाने पर एक अन्य बच्चे की मौत हो गई और तालिबान के 2 लड़ाके घायल हो गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ज्यादातर SAARC सदस्यों ने अनौपचारिक मीटिंग में तालिबान के प्रतिनिधि को शामिल किए जाने के पाकिस्तान के निवेदन को कोई भाव नहीं दिया।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को 15 सितंबर को मौजूदा अफगान राजदूत, गुलाम इसाकजई की ओर से यह प्रस्ताव मिला।
शी ने अपने भाषण में कहा, ‘‘एक देश की सफलता का मतलब दूसरे देश की विफलता नहीं है। दुनिया सभी देशों के साझा विकास और प्रगति को समायोजित करने के लिए काफी बड़ी है।’’
पश्तून तहफूज मूवमेंट के संस्थापक सदस्य इहतेशाम अफगान ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसे देखकर पाकिस्तानियों को झटका लगना तय है।
उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक जिरगा बैठक के दौरान दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में स्थानीय परिषद के दो सदस्यों सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए।
इस महीने की शुरुआत में मंत्रियों के चयन के दौरान भी मंत्रिमंडल में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया था। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन Arg में हुई बैठक में बरादर और खलील हक्कानी के समर्थकों में जमकर झड़प हुई। फर्नीचर और गर्म चाय से भरे फ्लासक एक-दूसरे पर फेंके गए। कुछ सूत्रों का तो ये भी कहना है कि गोलियों की आवाजें भी सुनाई दीं।
उप मंत्रियों की सूची से संकेत मिलता है कि तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का कोई असर नहीं है और वे समावेशिता एवं महिलाओं के अधिकारों को कायम रखने के शुरुआती वादों के बावजूद अपने कट्टरवादी रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ने पहला वनडे मैच शुरू होने से ठीक पहले बीते शुक्रवार को सुरक्षा को खतरे का हवाला देते हुए पाकिस्तान का अपना वर्तमान दौरा रद्द कर दिया था।
पाकिस्तानी फौज ने सोमवार को बताया कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया गया था।
पिछले शासन के मुकाबले उदारता दिखाने के तमाम वादों के बावजूद तालिबान ने आम जनता पर सख्ती दिखाना नहीं छोड़ा है।
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