
नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिकों की संख्या 25 है, लेकिन अभी तक इस फैसले पर अमल नहीं हुआ है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशों में वर्षों से जेलों में बंद हैं? साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया जो विदेशों में मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं।
विदेश राज्य मंत्री बताया आंकड़ा
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, ‘‘मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। सिंह ने 8 देशों से संबंधित आंकड़ा साझा किया तथा उन भारतीय नागरिकों की संख्या भी बताई जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन निर्णय अभी तक लागू नहीं हुआ है।
भरतीयों को दी जाती है हर संभव सहायता
आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात में 25 भारतीय, सऊदी अरब में 11 भारतीय, मलेशिया में 6 भारतीय, कुवैत में 3 भारतीय तथा इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक भारतीय को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा ‘‘विदेशों में भारतीय मिशन/पोस्ट भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी न्यायालयों द्वारा मृत्युदंड सहित सजा सुनाई गई है। भारतीय मिशन/पोस्ट जेलों का दौरा करके काउंसलिंग की पहुंच भी प्रदान करते हैं तथा न्यायालयों, जेल, लोक अभियोजकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ उनके मामलों का अनुसरण करते हैं। जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों की खोज करने में भी सहायता की जाती है।’’
भारतीय को दी गई मृत्युदंड की सजा
विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या पिछले पांच वर्षों में किसी भारतीय को विदेशी देशों में मृत्युदंड दिया गया है? सिंह ने कहा कि मलेशिया, कुवैत, कतर और सऊदी अरब में ऐसी सजा दी गई हैं। उन्होंने बताया कि 2024 में कुवैत और सऊदी अरब में तीन-तीन भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड दिया गया है। जिम्बाब्वे में यह आंकड़ा एक था। 2023 में कुवैत और सऊदी अरब में पांच-पांच भारतीयों को मृत्युदंड दिया गया, जबकि मलेशिया में एक भारतीय को मृत्युदंड दिया गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है क्योंकि वहां अधिकारियों ने यह साझा नहीं किया है। उनके अनुसार, भारतीय मिशन के पास उपलब्ध अनौपचारिक जानकारी के अनुसार, 2020 से 2024 तक किसी भी भारतीय को मृत्युदंड नहीं दिया गया है। (भाषा)
यह भी पढ़ें:
इजरायल के घातक हमलों से थर्रा गया गाजा, 3 दिन में 592 लोगों की मौत से मचा कोहरामपाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ को मिली नौकरी, बेटी मरियम ने सौंपा काम; PTI ने कसा तंज