Highlights
- भिक्षुओं को दलाई लामा की तस्वीरें रखने के जुर्म में जेल की सजा सुनाई है।
- इन तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं के नाम तेनजिन धारग्ये और रिग्त्से है।
- दोनों भिक्षुओं को ‘अलगाववाद’ के मामले में दोषी ठहराया गया है।
Tibetan Monks Jailed in China: तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की तस्वीरें रखना 2 तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं को भारी पड़ गया। चीन की सरकार ने इन भिक्षुओं को दलाई लामा की तस्वीरें रखने के जुर्म में जेल की सजा सुनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन भिक्षुओं के नाम तेनजिन धारग्ये और रिग्त्से है। इन्हें सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और इनके साथ कई अन्य भिक्षुओं को भी हिरासत में लिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेनजि़न धारग्ये को 3 साल 6 महीने और रिग्त्से को 3 साल की सजा सुनाई गई है।
परिजनों तक से मिलने की इजाजत नहीं
धारग्ये और रिग्त्से तिब्बत की सेरशुल काउंटी के एक मठ में रहते थे जहां उनके साथ लगभग 250 और लोगों का बसेरा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल फोन में दलाई लामा की तस्वीरें थीं और वे पिछले 2 सालों से हिरासत में हैं। इन दोनों को ‘अलगाववाद’ के मामले में दोषी ठहराया गया है। बता दें कि चीन की अदालतें ऐसे मामलों में अक्सर मनमाने फैसले सुनाती हैं और आरोपियों से परिजनों तक को मिलने नहीं देतीं। धारग्ये और रिग्त्से के केस में भी ऐसा ही हुआ। उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं थी।
दलाई लामा की तस्वीर रखना गुनाह
तिब्बत में भिक्षुओं को अक्सर चीनी अधिकारियों की निगरानी में रहना पड़ता है। इस मामले में दोनों भिक्षुओं के परिजनों को धमकी दी गई कि चूंकि उन्होंने उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी, इसलिए उन्हें न तो दोनों का हालचाल बताया जाएगा और न ही यह बताया जाएगा कि उन्हें किस जेल में रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2011 के बाद से चीन की सरकार तिब्बत के हर घर की तलाशी ले रही है और वहां के लोगों को बता रही है कि दलाई लामा की तस्वीरें रखना हथियार रखने जैसा गंभीर अपराध है।
दलाई लामा से क्यों चिढ़ता है चीन?
तिब्बत एक आजाद देश हुआ करता था। 14वें दलाई लामा के चुनाव के वक्त चीन ने तिब्बत पर जबरन कब्जा कर लिया। इस घटना के बाद तिब्बत में जबरदस्त बगावत हुई लेकिन चीन ने वहां उठने वाली हर आवाज को बेरहमी से दबा दिया। ड्रैगन दलाई लामा को गिरफ्तार करना चाहता था, लेकिन वह किसी तरह बचकर भारत आ गए। उन्हें चीन अपनी 'वन चाइना पॉलिसी' के लिए खतरा मानता है। उसे लगता है कि दलाई लामा की वजह से तिब्बत के लोग एक बार फिर संगठित हो सकते हैं।