Pakistan News: पाकिस्तान कंगाली की हालत से निकल नहीं पा रहा है। देश चलाने के लिए कर्ज की 'भीख' मांग रहा है। पाकिस्तान की सरकार में कानून और व्यवस्था की स्थिति शोचनीय है। यही कारण है कि पाकिस्तान के कराची में 150 साल पुराने हिंदू मंदिर को गिराने की 'नापाक' घटना हुई है। इस घटना के बाद पाकिस्तान से बयान आया है।
पाकिस्तान की सिंध सरकार ने कहा है कि वह किसी उपासना स्थल को गिराकर उसकी जगह किसी भी व्यावसायिक इमारत के निर्माण की अनुमति नहीं देगी, भले ही वह किसी अल्पसंख्यक समुदाय से ही संबंधित हो। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के सोल्जर बाजार में स्थित 150 साल पुराने मरी माता मंदिर को शुक्रवार को पुराना और खतरनाक ढांचा बताते हुए कथित रूप से गिरा दिया गया। हिंदू समुदाय ने पाकिस्तान हिंदू परिषद, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह और सिंध पुलिस के महानिरीक्षक से मामले का तत्काल संज्ञान लेने की अपील की थी।
किसी भी पूजा स्थल के ध्वस्तीकरण की नहीं होगी अनुमति
‘द डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता एवं कराची के महापौर बैरिस्टर मुर्तजा वहाब ने कहा कि उनकी पार्टी धार्मिक सद्भाव और स्वतंत्रता में विश्वास करती है और किसी को भी अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थल के ध्वस्तीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्षेत्र के हिंदू समुदाय ने आरोप लगाया कि दो व्यक्तियों- इमरान हाशमी और रेखा बाई - द्वारा कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके एक बिल्डर को मंदिर क संपत्ति बेचे जाने के बाद ‘बिल्डर माफिया’ ने उसे ध्वस्त कर दिया था।
प्रांतीय सरकार ने हिंदू समुदाय के दावे को किया खारिज
खबर में कहा गया है कि हालांकि, प्रांतीय सरकार ने मंदिर के विध्वंस के बारे में हिंदू समुदाय के दावे को खारिज किया है और पुलिस तथा स्थानीय प्रशासन को उस भूखंड पर निर्माण या विध्वंस कार्य रोकने का आदेश दिया है, जहां सदियों पुराना मंदिर रहा है। वहाब ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ‘मैंने पड़ताल की है। मंदिर को ध्वस्त नहीं किया गया है और मंदिर अब भी बरकरार है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है और हिंदू पंचायत से सही तथ्यों का पता लगाने में पुलिस की सहायता करने के लिए कहा गया है। मैं इस बारे में सभी को बताता रहूंगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सभी समुदायों के लोगों के साथ खड़ी है।’
शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कही ये बात
उधर, शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कहा कि रेखा ने उस भूखंड की स्वामी होने का दावा किया है जिसके एक हिस्से पर हिंदू मंदिर बनाया गया था। एक अधिकारी ने कहा कि सिंध सरकार के ताजा निर्देशों के तहत, पुलिस अब कराची के मद्रासी हिंदू समुदाय के साथ समन्वय कर रही है, जो पिछले कई दशकों से मंदिर का प्रबंधन कर रहा है।