पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, उनकी बेटियों को मुस्लिम बनाकर जबरदस्ती निकाह कराया जा रहा है, नाबालिग हिंदू बेटियों का अपहरण किया जा रहा है। ऐसे अत्याचारों से तंग आकर 15 सदस्यीय पाकिस्तानी हिंदुओं का परिवार भारत में शरण और नौकरी के लिए आया है। चित्रकूट पहुंचते ही भारत ने सभी हिंदुओं को पूर्ण सुरक्षा के साथ आश्रय दिया है। प्रशासन ने उनकी हर तरह से मदद करने का ऐलान किया है। पाकिस्तानी हिंदुओं ने भारत में शरण मांगी है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने केंद्र और राज्य सरकार से पत्राचार किया है।
पाकिस्तान से आए 15 सदस्य दो हिन्दू परिवारों से हैं। पुलिस ने उन्हें शनिवार को संग्रामपुर गांव के पंचायत भवन में ठहरा दिया है। उनकी सुरक्षा के लिहाज से यहां आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है । पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत के दोनों दरवाजों पर 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। चित्रकूट जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने शनिवार को बताया कि चार अगस्त को ट्रेन के जरिये दिल्ली से पाकिस्तान के दो हिन्दू परिवारों के 15 सदस्य कुछ स्थानीय अखाड़ों की मदद से काम और रहने के स्थान की तलाश में यहां पहुंचे हैं, जिन्हें जांच-पड़ताल के बाद संग्रामपुर गांव में बने पंचायत भवन में ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत भवन के दोनों दरवाजों में 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
अत्याचार से तंग होकर पाकिस्तान छोड़कर भारत आ रहा हिंदुओं का परिवार
पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने बताया कि एक परिवार वीजा बनवाकर पिछले साल अक्टूबर माह और दूसरा परिवार इसी साल मई माह में भारत आया। इनमें एक परिवार की वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है, जबकि दूसरे की समाप्त होने वाली है। एसपी ने बताया कि अब तक की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे काम और रहने के स्थान की तलाश में भारत आये हैं और लंबे समय का 'लांग टाइम' वीजा चाहते हैं। शुक्ला के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों के पास वीजा अवधि बढ़ाये जाने के कोई प्रमाणिक दस्तावेज नहीं मिले। आगे के मार्गदर्शन के लिए केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। हिंदुओं ने पाकिस्तानियों के अत्याचार से आजिज आकर भारत में शरण मांगी है।
सरकार के निर्देश का इंतजार
पुलिस प्रशासन ने फिलहाल पाकिस्तानी हिंदुओं को सुरक्षित रूप से ठहराने और खाने-पीने का इंतजाम कर दिया है। प्रशासन के अनुसार सरकार का मार्गदर्शन मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। चित्रकूट के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पंचायत भवन में ठहराए गए पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों के खाने-पीने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को सौंपी गई है। शनिवार को सैकड़ों लोग इन पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों को देखने के लिए पंचायत भवन के पास पहुंचे थे, हालांकि सभी को पुलिसकर्मियों ने रोक दिया। एएसपी त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के सभी कागजातों एवं बयानों को वीडियो एवं हस्तलिखित बयान जांच के लिए लखनऊ और दिल्ली के उच्चाधिकारियों के कार्यालयों में भेजा गया है, फिलहाल अभी तक शासन स्तर से कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
कराची का रहने वाला है पाकिस्तानी हिंदुओं का परिवार
एएसपी के अनुसार, 'पाकिस्तानी हिन्दू परिवार के सदस्यों का कहना है कि पाकिस्तान में रोजगार का संकट और महंगाई के कारण वीजा लेकर भारत आए हैं।' पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवार भारत में बसना चाहते हैं, उन्होंने अपने वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है। वहीं, इन हिंदू परिवार के सदस्यों को चित्रकूट लाने वाले संग्रामपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश कुमार पटेल को पुलिस ने दस घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। एएसपी ने बताया कि दोनों हिन्दू परिवार पाकिस्तान के कराची स्थित खैरपुर गांव के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी नागरिक राकेश कुमार और संतोष कुमार ने बताया कि बेरोजगारी और महंगाई के चलते वे अलग-अलग माहों (तिथियों) में वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आए हैं। वे कुछ दिनों तक दिल्ली स्थित भाटी माइंस में रिश्तेदारों के यहां रुके थे। अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों के कागजातों की गहनता से जांच की जा रही है। इनको यहां लाने वाले कमलेश पटेल का भी रिकॉर्ड खंगाला गया है। (भाषा)
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