जोहानिसबर्ग: जुलु राष्ट्र के पारंपरिक प्रधानमंत्री प्रिंस मांगोसुथु बुथेलेजी ने भारतीय मूल के दक्षिण अफ़्रीकी और उनके अश्वेत हमवतन लोगों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत विरोधी भावना को समाप्त करने के लिए एक भावुक अपील की है। पिछले हफ्ते दंगों और लूटपाट के दौरान फीनिक्स में 22 लोगों की मौत के बाद विशाल भारतीय आबादी वाले फीनिक्स शहर, डरबन के उत्तरी हिस्से और आसपास के 3 अश्वेत बहुल क्षेत्रों के निवासियों के बीच तनाव अधिक फैल गया है।
7 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल की सजा होने के बाद विरोध प्रदर्शनों के साथ अशांति शुरू हुई थी, लेकिन तेजी से बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी में बदल गई। ऐसा माना जा रहा है कि कथित तौर पर गरीबी और बेरोजगारी के कारण देश में कई लोगों ने ऐसा किया। गौरतलब है कि जुमा को अदालत की अवमानना के लिए देश की शीर्ष अदालत ने 15 महीने की कैद की सजा सुनाई है, जब उन्होंने राज्य के जांच आयोग में बयान देने से बार-बार इनकार किया। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने घटनाओं को एक सुनियोजित तरीके से किया गया ‘एक असफल विद्रोह’ करार दिया है।
बुथेलेजी ने टीवी चैनल न्यूज़रूम अफ्रीका पर एक साक्षात्कार में कहा कि भारतीय और अश्वेत कई पीढ़ियों से साथ-साथ रहते आ रहे हैं। उन्होंने फीनिक्स में हुईं हत्याओं की निंदा की है। बुथेलेजी ने कहा, 'ये हत्याएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा करने वाले लोग मूर्ख हैं, क्योंकि उन्हें पहले से पता होना चाहिए था कि उसके बाद क्या होने की संभावना है। इससे प्रतिशोध लेने की इच्छा रखने की भावना पैदा लेगी।’ 92 साल के वयोवृद्ध राजनेता ने कहा, ‘मैं हमेशा भारतीय लोगों के साथ रहा हूं। कुछ भारतीय सामाजिक एकता के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि अगर हम सामाजिक एकता को बढ़ावा और मजबूत नहीं करते हैं तो इसका कोई भविष्य नहीं है।’
बुथेलेजी ने मुख्य रूप से 1975 में जुलु इंकथा फ्रीडम पार्टी की शुरुआत की थी। उन्होंने अश्वेत समुदाय में कुछ प्रमुख हस्तियों द्वारा भड़काए जा रहे तनाव की भी निंदा की।