नई दिल्ली। नेपाल सरकार ने छात्रों में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में योग शिक्षा को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। ‘हिमालयन टाइम्स’ ने बताया कि शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कक्षा नौंवी, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के लिए योग पाठ्यक्रम तैयार करने का काम पूरा कर लिया है। समेकित दृष्टिकोण के जरिए योग संबंधी निश्चित विषयों को अंग्रेजी और नेपाली की तरह अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव कृष्ण प्रसाद कापड़ी ने बताया कि छात्र स्कूली स्तर पर वैकल्पिक विषय के तौर पर योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के बीच चयन कर सकते हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता दीपक शर्मा के हवाले से कहा गया, ‘‘स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया गया है।’’ इन पाठ्यक्रमों को स्कूलों के आगामी अकादमिक सत्र में लागू किया जाएगा। इसके अलावा ‘टेक्निकल स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट इन योग, आयुर्वेद और नैचुरोपैथी’ का तीन वर्षीय व्यावसायिक पाठ्यक्रम डिजाइन किया गया है। यह विषय ‘काउसिंल फॉर टेक्निकल एजुकेशन एंड वोकेशनल ट्रेनिंग’ के तहत तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के तहत पढ़ाया जाएगा। कापड़ी ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों की मदद से छात्रों को योग और उसकी महत्ता के बारे में सीखने में मदद मिलेगी। ये पाठ्यक्रम छात्रों को नैतिक मूल्य सिखाएंगे और उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करेंगे। कापड़ी ने कहा, ‘‘स्कूली शिक्षा विभिन्न विषयों पर ज्ञान का आधार तैयार करती है, इसलिए मंत्रालय ने स्कूली पाठ्यक्रम में योग को पढ़ाए जाने का फैसला किया है।’’