बीजिंग: शी चिनफिंग को शनिवार को एक बार फिर से अगले 5 साल के लिए चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया है। रबर स्टांप मानी जाने वाली चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी समय सीमा खत्म करते हुए उन्हें आजीवन राष्ट्रपति बनने की मंजूरी दे दी थी। शी को चीन की ताकतवर सेंट्रल मिलिट्री कमिशन का भी प्रमुख चुना गया, जिसके अंदर चीनी सेना आती है। 64 वर्षीय शी के पक्ष में सभी 2,970 वोट पड़े। उनके खिलाफ एक भी वोट नहीं गया और न ही कोई इस दौरान संसद से नदारद रहा।
11 मार्च को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के 2,900 से अधिक सांसदों ने राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के 2 कार्यकाल की समय सीमा खत्म करने के मकसद से सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की ओर से प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन के लिए मतदान किया था। 2 बार के कार्यकाल पर समय सीमा लगने के कारण शी को वर्ष 2023 तक CPC प्रमुख, सेना एवं राष्ट्रपति के तौर पर रिटायर होना था। शी वर्ष 2013 में राष्ट्रपति बने थे। माओ के निधन के बाद पार्टी ने 2 बार के कार्यकाल पर समय सीमा लगाने को स्वीकृति दी थी, ताकि यह सुनिश्चित हो कि भीषण सांस्कृतिक क्रांति जैसी गलतियों को टालने के लिए एक समग्र नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके। इस क्रांति में लाखों लोग मारे गए थे।
सांसदों ने जहां सर्वसम्मति से शी को राष्ट्रपति चुना, वहीं वांग किशान को एक के मुकाबले 2,969 मतों से उपराष्ट्रपति चुना गया। वांग ने शी के भ्रष्टाचार रोधी अभियान की अगुवाई की थी। उन्हें राष्ट्रपति शी का आंख व कान माना जाता है। वांग चीन-अमेरिकी संबंधों की देखरेख का जिम्मा संभाल सकते हैं। प्रधानमंत्री ली केकियांग को छोड़कर सेंट्रल बैंक के गवर्नर के अलावा समूचे कैबिनेट सहित सभी शीर्ष पदों पर नए अधिकारी होंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी को पदोन्नति देकर स्टेट काउंसलर बनाने की संभावना है। यह भारत के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।