ढाका: आतंकवाद के मुद्दे पर बांग्लादेश ने भारत को एक बड़ा भरोसा दिलाया है। बांग्लादेश ने रविवार को भारत से एक बार फिर कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल अपने पड़ोसी देश के खिलाफ किसी आतंकवादी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने यह बात अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर वार्ता के दौरान कही। राजनाथ 3 दिनों की यात्रा पर बांग्लादेश गए थे। उन्होंने खान के साथ छठे भारत-बांग्लादेश गृह मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह अध्यक्षता की।
विभिन्न मुद्दों पर की गई चर्चा
ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक वक्तव्य में बताया कि बैठक में आतंकवाद निरोध, क्षमता निर्माण और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने, सीमा प्रबंधन, जाली मुद्रा, मादक पदार्थ और मानव तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों का मुकाबला करने और वाणिज्य दूतावास से संबंधित मुद्दों समेत सुरक्षा हितों से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। सिंह के साथ वार्ता के बाद खान ने कहा कि बैठक में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें सीमा प्रबंधन, सीमा पार अपराध और अवैध गतिविधियों जैसे मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई। सिंह ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘हमारे बीच सफल बैठक रही।’ वह मीडिया को संबोधित करने खान के साथ नहीं आए।
‘भारत के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे’
खान ने कहा कि बांग्लादेश ने भारत को फिर से आश्वस्त किया, ‘हम आतंकवाद और उग्रवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत अपनी धरती का इस्तेमाल किसी आतंकवादी गतिविधियों और खासतौर पर भारत के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देंगे। भारत ने आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबला करने के लिये बांग्लादेश को सभी तरह का समर्थन दिया है। अब वे हमारे साथ उग्रवाद से संबंधित सूचनाओं को साझा कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच यात्रा व्यवस्था को आसान बनाने पर भी चर्चा हुई।’
वीजा प्रक्रिया सरल बनाने पर चर्चा
उन्होंने कहा कि आज हस्ताक्षरित संशोधित यात्रा समझौता के तहत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के सेनानी और वृद्ध नागरिकों को 5 साल का एक से अधिक भारतीय वीजा मिलेगा। खान ने कहा कि छात्रों और भारत में इलाज कराने की चाह रखने वाले लोगों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया सरल बनाने पर भी चर्चा हुई।
रोहिंग्या मुद्दे पर भी हुई चर्चा
खान ने कहा कि रोहिंग्या मुद्दे पर भी चर्चा हुई और उनके भारतीय समकक्ष ने रोहिंग्याओं को सुरक्षित, त्वरित और स्थायी रूप से उन्हें म्यांमार के राखाइन प्रांत भेजने में सहायता करने में भारत की प्रतिबद्धता जताई। भारत ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में बांग्लादेश की मदद करने के लिये और राहत सामग्री तथा रसद भेजने की पेशकश की। भारत साथ ही राखाइन में मकान निर्माण की परियोजना पर भी काम कर रहा है ताकि विस्थापित रोहिंग्या वहां भेजे जाने के बाद सही से बस सकें। पिछले साल अगस्त में राखाइन प्रांत में हिंसा के बाद 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ली है।