तेहरान: जासूसी ड्रोन को मार गिराए जाने की घटना के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ईरान ने गुरुवार को कहा कि वह यह साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जाएगा कि उसने अमेरिका के जिस जासूसी ड्रोन को मार गिराया है वह ईरानी हवाई क्षेत्र में घुस आया था। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्वीट किया, ‘हम इस नई आक्रमकता को संयुक्त राष्ट्र ले जाएंगे और दिखांएगे कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र के बारे में झूठ बोल रहा है।’
‘हम जंग नहीं चाहते हैं लेकिन...’
इससे पहले, अमेरिका के एक जनरल ने कहा था कि ड्रोन ईरानी तट से 34 किलोमीटर दूर था। जरीफ ने कहा, ‘हम जंग नहीं चाहते हैं, लेकिन हम अपने आसमान, जमीन और जल क्षेत्र का पूरी तरह से बचाव करेंगे।’ आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि ईरान ने अमेरिका के ड्रोन को गिराकर ‘बड़ी गलती’ की है। अमेरिका और ईरान दोनों ने यह स्वीकार किया है कि ईरानी सुरक्षा बल ने अमेरिकी सैन्य निगरानी ड्रोन को मार गिराया है लेकिन दोनों ने इस बारे में अलग-अलग जानकारी दी है।
‘ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है’
ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा, ‘यह ड्रोन स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर था। हमारे पास यह सभी तथ्यों के साथ दर्ज है न कि हम सिर्फ बातें बना रहे हैं और उन्होंने बड़ी गलती की है।’ उन्होंने रक्षा विभाग द्वारा ड्रोन के मार गिराए जाने का दावा करने के बाद ही ट्वीट किया था, ‘ईरान ने बड़ी गलती की।’ जब उनसे पूछा गया कि वह ईरान की कथित कार्रवाई का क्या जवाब देंगे तो उन्होंने कहा, ‘आप को इसकी जानकारी होगी।’ ट्रंप की धमकी के बाद खाड़ी में बेहद तनाव की स्थिति है।