कुआलालंपुर: मलेशिया ने शुक्रवार को कहा कि वह विमान MH17 को मार गिराने के लिए 'जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने' के लिए प्रतिबद्ध है और साथ ही देश ने पीड़ितों को न्याय दिलाने लिए संकल्प लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि वह संयुक्त जांच दल के तथ्यों के बारे में अध्ययन करेगा। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ताओं ने अपनी जांच के बाद कहा था कि इस विमान को मार गिराने वाली मिसाइल रूसी सेना की एक ब्रिगेड की तरफ से दागी गई थी।
मलेशिया ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब एक दिन पहले ही नीदरलैंड की अगुवाई वाली जांचकर्ताओं की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने कहा था कि उन्हें इस बात का 'पक्का विश्वास' है कि विमान को मार गिराने के लिए इस्तेमाल की गई बीयूके मिसाइल प्रणाली 53वें विमान भेदी मिसाइल ब्रिगेड से लाया गया था, जो कि यूक्रेन सीमा के समीप रूसी सेना की एक इकाई है। एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहे बोइंग 777 को 17 जुलाई, 2014 को मार गिराया गया था, जिससे उसमें सवार सभी 298 लोग मारे गए थे।
हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय जांच दल के नतीजों को खारिज करते हुए एक बयान में कहा,‘रूसी संघ की एक भी विमान रोधी मिसाइल प्रणाली ने कभी भी रूस-यूक्रेन सीमा पार नहीं की।’ मंत्रालय ने हादसे के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने सबूत दिए थे जिनसे ‘पता चलता है कि यूक्रेनी इकाइयों ने सोवियत रूस में बने बीयूके मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।’