पाकिस्तान के प्रधानंत्री इमरान खान का कहना है कि मजहबी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की मांगों को ससंद में रखा जाएगा। पीएम इमरान खान का कहना है कि तहरीक-ए-लब्बैक की मांगों को संसद में रखा जाएगा। उन मांगों में से एक फ्रांस के राजदूत को वापस भेजना है। लब्बैक ने अब सरकार को फरवरी में दी गई समय सीमा को बढ़ाकर 20 अप्रैल कर दिया है। पाकिस्तान की महिला पत्रकार नायला इनायत ने एआरवाई न्यूज चैनल में इमरान खान के इसको लेकर एक वीडियो को भी शेयर किया है।
पाकिस्तान में सीनेट के लिए तीन मार्च को होंगे चुनाव
पाकिस्तान के चुनाव अधिकारियों ने देश की संसद के उच्च सदन सीनेट का चुनाव तीन मार्च को कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। चुनाव की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब भ्रष्टाचार को टालने के लिए मतदान के दौरान खुले मतपत्रों की इजाजत देने के विषय पर सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद हैं।
पाकिस्तान की 104 सदस्यीय सीनेट के कुल 52 सदस्यों का कार्यकाल 11 मार्च को समाप्त हो रहा है। उनका छह साल का कार्यकाल उस तारीख को पूरा हो रहा है। उनमें पूर्ववर्ती संघ शासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए) के आठ में से चार सीनेटर भी शामिल हैं। चूंकि इन क्षेत्रों को खैबर पख्तूनख्वा में मिला दिया गया है, इसलिए उनका फिर से निर्वाचन नहीं किया जाएगा तथा सीनेट में सदस्यों की संख्या घट कर 100 रह जाएगी। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने एक अधिसूचना में कहा कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत से 12-12, पंजाब और सिंध प्रांत से 11-11 सदस्यों के निर्वाचन के लिए मतदान होंगे।
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