नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले हफ्ते हुए झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है। लेकिन चीन की सरकार या मीडिया ने अपने सैनिकों के मारे जाने को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है और अब चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर को छुपाने के पीछे बेतुका तर्क दे रहा है। सरकारी अखबार होने की वजह से ग्लोबल टाइम्स में लिखी बात को चीन की सरकार के आधिकारिक बयान के तौर पर देखा जाता है।
सोमवार को अपनी वेबसाइट पर ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर एक लेख लिखा है और कह रहा है कि चीन ने जानबूझकर अपने सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा नहीं बताया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं और अगर चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या भारत के शहीद सैनिकों से कम होती तो इससे भारत की सरकार के ऊपर दबाव बढ़ता और इसकी वजह से चीन को भारत और भी ज्यादा उकसाता।
गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात को झड़प हुई थी। चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे और उनके खराब वर्ताव की वजह से झड़प हिंसक हो गई, उन्हें खदेड़ने के लिए भारतीय सैनिकों को भी चीन की चीन के सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए जबकि चीन के 43 सैनिकों की मृत्यु हुई है।
सीमा पर चीन के सैनिकों की इस हरकत के बाद भारत और चीन के रिश्तों में कड़वाहट फैल गई है और चीन को डर सता रहा है कि भारत कहीं उसके ऊपर आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध न लगा दे। इसी डर को देखते हुए चीन अपने सरकारी मीडिया के जरिए तरह तरह के बयान जारी कर रहा है और कई बेतुके तर्क भी दे रहा है।