काबुल (अफगानिस्तान): अफगानिस्तान में तालिबान नई सरकार बनाने जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? इसे लेकर अब्दुल गनी बरादर उर्फ मुल्ला बरादर का नाम सबसे आगे है। मुल्ला बरादर तालिबान का राजनीतिक प्रमुख है और उन 4 लोगों में से एक है, जिन्होंने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान का गठन किया था।
साल 1996 में जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन स्थापित हुआ था, तब मुल्ला बरादर को देश का उप रक्षामंत्री भी बनाया गया था। फिर, 2001 में तालिबान के हाथ से सत्ता जाने तक वह इस पद पर बना रहा था। अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद अफगानिस्तान पर हमला कर तब की तालिबान सरकार को सत्ता से हटा दिया था।
इसके बाद से अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सेना के विरोध में तालिबान ने हिंसक संघर्ष शुरू किया था और मुल्ला बरादर इस संघर्ष की अगुआई करने वाले नेताओं में से था। मुल्ला बरादर को 2010 में ISI ने CIA की मदद से कराची से गिरफ्तार कर लिया था। फिर, 2018 में पाकिस्तान ने उसे रिहा कर दिया था।
अब मुल्ला बरादर तालिबान की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के अलावा सैन्य अभियानों का भी नेतृत्व करता है। इस सबसे अलावा, वह अब अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति बन सकता है। सूत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ गनी इस्तीफा दे सकते हैं।
बगराम एयर बेस पर भी हुआ तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान की सेना ने बगराम एयर बेस पर भी तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है। इसके साथ ही कभी अफगानिस्तान में अमेरिका का प्रमुख एयर बेस रहे बगराम पर तालिबान का कब्जा हो गया है। इसी एयरबेस पर बनी एक जेल में तालिबान के लड़ाकों के साथ-साथ इस्लामिक स्टेट के आतंकियों सहित करीब 5000 कैदी बंद हैं।
बगराम के डिस्ट्रिक्ट चीफ दरवेश रउफी ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि बगराम एयर बेस अब तालिबान के कब्जे में है। काबुल के बाहरी इलाकों में तालिबान के पहुंचने की खबर के साथ ही अफगान सेना ने इस एयर बेस पर भी सरेंडर कर दिया।
बता दें कि तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल में रविवार को प्रवेश कर लिया। चरमपंथियों की देश पर मजबूत होती पकड़ के बीच, घबराए सरकारी कर्मचारी दफ्तरों को छोड़कर भाग निकले। इसी दौरान अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर आ गए हैं। तालिबान के लड़ाकों ने काबुल से पहले जलालाबाद पर कब्जा किया था।
इस बीच अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता के ‘हस्तांतरण’ की तैयारी के लिए राष्ट्रपति के आवास पहुंचे। अफगान सरकार और तालिबान के बीच हस्तांतरण पर बातचीत हो रही है।
एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर रविवार को बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपना है। तालिबान ने कहा कि उनकी ताकत के बल पर सत्ता लेने की योजना नहीं है।
अफगानिस्तान के 3 अधिकारियों ने बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं।