इस्लामाबाद: सत्तारुढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के एक वरिष्ठ नेता ने आतंकी ग़ुट जमात-उद-दवा के मुखिया हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है।
विदेश मामलों पर नैशनल असैंबली की स्थाई समिति की गुरुवार को हुई बैठक में मुस्लिम लीग के राणा मुहम्मद अफ़ज़ल ने पूछा, 'हाफ़िज़ सईद हमारे लिए ऐसा कौन सा अंडा दे रहा जो हम उसे पाल-पोस रहे हैं?'
बीबीसी उर्दु न्यूज़ के अनुसार उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति कितनी प्रभावशाली है इसका अंदाज़ा इससे है लगाया जा सकता है कि हम हाफ़िज़ सईद पर लग़ाम नहीं कस सके।
अफ़ज़ल ने कहा, 'भारत ने हाफ़िज़ को लेकर हमारे ख़िलाफ़ इतना पुख़्ता केस बनाया है कि कश्मीर पर बैठक के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों ने उसे (हाफ़िज़) भारत और पाकिस्तान के बीच फ़साद की जड़ बताया।'
राणा ने हाल ही कि उनकी फ़्रांस यात्रा का ज़िक्र करते हुए कहा कि विदेशी प्रतिनिधियों ने कश्मीर के मामले में बार बार हाफ़िज़ सईद का नाम लिया था।
राणा ने कहा कि हालंकि उन्होंने अपने 25 साल के राजनीतिक जीवन में शायद ही कभी हाफ़िज़ सईद का नाम सुना हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे कुख्यात चरित्र माना जाता है।
उन्होंने कहा कि वह हालंकि कश्मीर पर सरकार के नज़रिये को सही मानते हैं लेकिन पाकिस्तान में प्रतिबंधित गुटों की वजह से पाकिस्तान को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।
ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की मौजूदगी में हुई बैठक में सैनिक और सिविल अधिकारियों के बीच ज़बरदस्त तूतू-मैंमैं हुई थी। सिविल अधिकारियों का आरोप था कि सैनिक और गुप्तचर एजेंसी पकड़े गए आतंकवादियों को छुड़ा लेती है और इस वजह से पाकिस्तान विश्व में अलग-थलग पड़ता जा रहा है।
बहस और नवाज़ शरीफ़ के हस्तक्षेप के बाद तय किया गया कि अब सेना आतंकियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में कोई दख़लंदाज़ी नहीं करेगी।
एक पाकिस्तानी न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार राणा ने एक ईमेल लिखकर बीबीसी की ख़बर का खंडन किया है कि उन्होंने हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है लेकिन साथ ही माना कि "हाफ़िज़ की कारगुज़ारियों से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बलैकमेल करने का मौक़ा मिल जाता है। अगर उससे (हाफ़िज़) पाकिस्तान को कोई फ़ायदा नहीं होता तो हम क्यों उसे पाकिस्तान का नुकसान करने दे रहे हैं?"