काबुल. अफगानिस्तान में 20 साल बाद एकबार फिर से तालिबान ने बंदूक की नोंक पर वापसी कर ली है। विभिन्न शहरों के बाद कल तालिबान के लड़ाकों ने काबुल की ओर रुख किया, पहले तो तालिबान के लड़ाके काबुल के बाहरी इलाकों में रुके रहे लेकिन शाम को उन्होंने शहर में प्रवेश कर लिया, जिसके बाद से काबुल में अफरातफरी और ज्यादा बढ़ गई। विषम हालातों के बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कल ही काबुल से निकल गए थे। सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार, अशरफ गनी के अलावा उनके नजदीकी लोग भी अफगानिस्तान से बाहर चले गए हैं।
तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया
अशरफ गनी के तालिबान छोड़ते ही तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में प्रवेश कर लिया। अब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का कब्जा है। अल-जजीरा चैनल पर प्रसारित वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है।काबुल की सड़कों पर गाड़ियां रोक तलाशी ले रहे लड़ाके
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही काबुल शहर की ताजा तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके सड़कों पर नजर आ रहे हैं, वो आते-जाती कारों और अन्य वाहनों को रोक कर उनकी तलाशी ले रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट से सुरक्षा नदारद
देर रात तक विभिन्न मीडिया संस्थानों के रिपोर्टर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, काबुल के हामदि करजई एयरपोर्ट से सुरक्षा कर्मी नदारद दिखाई दिए। एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है, हजारों की संख्या में अफगान नागरिक भी देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद हैं।
48 घंटे में 6 हजार सैनिक भेजेगा अमेरिका
अफगानिस्तान एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए अमेरिका आने वाले 48 घंटों के अंदर 6 हजार सैनिक भेजेगा और काबुल का एयर ट्रैफिक कंट्रोल अपने हाथ में लेगा। आने वाले दिनों में अमेरिका अपने नागरिकों और अपने मददगार अफगानियों को काबुल शहर से निकालेंगा।
काबुल से अपने दूतावास को हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा फ्रांस
फ्रांस अपने सभी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिये काबुल स्थित फ्रांसीसी दूतावास को फिलहाल अबू धाबी हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा है। विदेश मंत्री ज्यां य्वेस ली द्रेन ने रविवार को एक बयान में कहा कि आने वाले कुछ घंटों में संयुक्त अरब अमीरात में सैनिकों और विमानों की तैनाती की जाएगी।
ब्रिटेन के सैनिक ब्रिटिश नागरिकों को स्वदेश लाने के लिये काबुल पहुंचे
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटिश सैनिक देश के लोगों को काबुल से निकालकर स्वदेश लाने के लिये वहां पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को मंत्रिमंडल की आपात समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि ब्रिटिश नागरिकों और बीते 20 साल में अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले अफगानियों को जल्द से जल्द बाहर निकालना प्राथमिकता है।