वाशिंगटन: यहां स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि वह कंसास में इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की हत्या की त्रासदीपूर्ण घटना पर नजर पैनी नजर बनाए हुए है और पीड़ित के परिवार को हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है। एक बयान में दूतावास के प्रवक्ता प्रतीक माथुर ने कहा कि ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास कुचिभोटला के परिवार के संपर्क में है। बयान के मुताबिक, "दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवार को हर तरह की मदद मुहैया करा रहे हैं। उनके शव को भारत भेजने की व्यवस्था की जा रही है।"
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उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों ने गोलीबारी में घायल हुए एक अन्य भारतीय आलोक मदासानी से भी मुलाकात की है। भारत सरकार ने मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है और इस पर अपनी गहरी चिंता जताई है। साथ ही मामले की जांच में तेजी लाने को कहा गया है।
बयान के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने हमले की निंदा करते हुए आश्वस्त किया है कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है।
कंसास के ओलेथ में ऑस्टिंस बार एंड ग्रील में एक पूर्व अमेरिकी नौसैनिक एडम डब्ल्यू पुरिन्टन ने गोली मारकर इंजीनियर कुचिभोटला की हत्या कर दी थी और मदासानी को घायल कर दिया था।
पुरिन्टन की पीड़ितों से कथित तौर पर बहस हुई थी और उसने नस्लीय टिप्पणियां की थीं। उन्हें गोली मारने से पहले वह उन पर चिल्लाया था, 'दफा हो जाओ मेरे देश से', 'आतंकवादी।'
एक बयान में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि गोलीबारी की घटना 'नस्लीय भावना से प्रेरित' लगती है। कृष्णमूर्ति इलिनोइस के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, "कंसास में गोलीबारी सहित कई और हमलों को रोकने के लिए हमारे देश के प्रति यहां के लोगों में नफरत की जो भावना है, उसका समाधान करना होगा।"
कंसास से सीनेटर तथा रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य जेरी मोरन ने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं, खासकर जब इसे पूर्वाग्रह तथा विदेशी लोगों को नापसंद करने की भावना से अंजाम दिया जाता है। मोरन ने कुचिभोटला की हत्या को 'मूर्खतापूर्ण तथा भयानक क्षति' करार दिया।