बीजिंग: चीन में इंटरनेट पर वायरल हो रहे अपुष्ट वीडियो में एक टोल स्टेशन पर मौलवी की कथित तौर पर पीटाई के बाद हिंसा भड़क उठी। चीन के उत्तरी प्रांत हेबेई में स्थित तांगशान शहर में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के कथित तौर पर हिंसा करते दिखने के बाद चीन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों ने सरकारी सोशल मीडिया पर हजारों की संख्या में नाराजगी भरी मुस्लिम विरोधी टिप्प्णियां कीं।
ये उग्र टिप्पणियां स्थानीय पुलिस ब्यूरो, द कम्युनिस्ट यूथ लीग और अन्य माइक्रोब्लॉग साइट्स के अकाउंट पर की गईं। इन पर अपुष्ट खबरें आई थीं कि दर्जनों हुयी मुसलमानों ने समुदाय के एक मौलवी के पीटे जाने या झाड़प में चोटिल होने के बाद एक तंगशान शहर में हाइवे के टोल स्टेशन पर हिंसा की। तंगशान शहर जहां कथित तौर पर दंगे हुए वहां पुलिस और सरकारी कार्यालयों में किए गए फोन कॉल्स का या तो जवाब नहीं दिया गया या फिर फोन उठाने पर अधिकारियों ने कहा कि वे घटना पर मीडिया को प्रतिक्रिया देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक, तंगशान शहर के गुये जिला सरकार के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि किसी की पिटाई हुई है लेकिन उन्होंने विवरण नहीं दिया।
घटना का कथित वीडियो
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तांगशान के मुस्लिम समुदाय के लोगों को जैसे ही घटना के बारे में पता चला, वे पिंगवाली टोल स्टेशन पर इकट्ठा हो गए और इंसाफ की मांग करने लगे। कहा जा रहा है कि कथित दंगाइयों ने वहां स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए गए हथियारबंद SWAT अफसरों के साथ भी बदसलूकी की। ऐसा लगता है कि चीनी मीडिया और सरकार इस घटना को दबाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि इससे जुड़े वीडियो और खबरों को इंटरनेट से हटा दिया गया है।
खबरों के मुताबिक, दंगा उस समय शुरू हुआ जब यांग जेनफेंग नाम के एक मौलवी को कथित तौर पर एक टोलकर्मी ने बहस के दौरान पीट दिया। यांग और दो अन्य लोग कार से थे, और टोल पर लंबी लाइन लगी हुई थी। उन्होंने लाइन तोड़कर एक बंद गेट से टोल पार करने की कोशिश की, जिसके बाद टोलकर्मियों से बहस हो गई। यांग के साथ सफर करने वाली एक महिला ने बताया कि यांग की नाक पर चोट लगी और वहां से खून बहने लगा।