दुबई: कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार हज बहुत अलग और सांकेतिक तरीके से किया जा रहा है। कई दिनों तक क्वॉरंटीन में रहने के बाद मास्क पहने हज यात्री बुधवार को छोटे-छोटे समूहों में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का पहुंचने शुरू हो गए। हज इस्लाम का बेहद महत्वपूर्ण और जरूरी आधार है, जिसे जीवन में एक बार करना काफी महत्वपूर्ण माना गया है। हज के दौरान उस रास्ते की यात्रा की जाती है, जहां से लगभग 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद गुजरे थे।
एक-दूसरे से दूरी बनाकर हो रही इबादत
बता दें कि हर साल हज के दौरान दुनिया भर के लगभग 25 लाख मुसलमान, चाहे वे शिया, सुन्नी या अन्य पंथों को मानने वाले हों, एक साथ इबादत करते, खाते-पीते और गुनाहों से माफी मांगते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के दौरान शारीरिक दूरी के नियम के चलते ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा। इस बार हज यात्री होटल के कमरों में अकेले ही भोजन कर रहे हैं और एक-दूसरे से दूरी बनाकर इबादत कर रहे हैं।
विदेशियों के आने पर लगी है पाबंदी
पिछली एक सदी में पहली बार ऐसा हुआ है जब सऊदी अरब सरकार ने हज के लिये विदेशी यात्रियों के देश में आने पर पाबंदी लगाई है। इस साल, पहले से ही सऊदी अरब में रह रहे केवल एक हजार लोगों को ही हज के लिये चुना गया है ताकि कोरोना वायरस संक्रमण को और अधिक फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा इस बार हज यात्रियों के लिये आयु सीमा भी तय की गई है और केवल 20 से 50 वर्ष के पूरी तरह स्वस्थ लोगों को हज करने की अनुमति दी गई है।