काबुल: अफगानिस्तान से करीब 20 साल बाद सभी अमेरिकी सैनिक वापस लौट गए हैं। काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सैनिकों की आखिरी खेप के उड़ाने भरने के बाद अब यहां पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस मौके पर तालिबान ने फायरिंग कर जश्न मनाया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की अंतिम तारीख 31 अगस्त तय की थी लेकिन डेडलाइन से पहले ही अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट को खाली कर दिया।
अमेरिकी मध्य कमान के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने पेंटागन में यह ऐलान किया कि अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा-मैं अफगानिस्तान से सैन्य अभियान खत्म होने की घोषणा करता हूं। अमेरिकी के आखिरी विमान सी-17 के काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ाने भरने के साथ अमेरिका का करीब 20 साल का सैन्य अभियान खत्म हो गया। हालांकि सैन्य वापसी की डेडलाइन 31 अगस्त थी लेकिन माना जा रहा है कि घातक आतंकी हमलों की आशंका के चलते अमेरिका ने एक दिन पहले ही अपने अभियान को खत्म कर दिया।
पेंटागन की ओर से यह बताया गया कि अमेरिका ने अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक लाख 22 हजार लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला। उधर, उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए। इस प्रस्ताव को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 13 सदस्य देशों द्वारा प्रस्ताव के पक्ष में मत दिये जाने के बाद इसे पारित कर दिया गया, जबकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस और चीन मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। प्रस्ताव में मांग की गई है कि अफगानिस्तान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या किसी देश पर हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए न किया जाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन ने कहा, ‘‘ अब, अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है।’’ उन्होंने अफगानिस्तान से समय-सीमा (31 अगस्त) के भीतर सैनिकों की सुरक्षित वापसी के लिये सशस्त्र बलों का धन्यवाद किया। बायडेन ने कहा कि वह मंगलवार को देश को संबोधित करंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ अभी के लिये, मैं इतना ही बताना चाहूंगा कि योजना के अनुसार हमारे अभियान को सम्पन्न करने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद सभी ज्वाइंट चीफ तथा हमारे सभी कमांडर ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी। उनका विचार था कि हमारे सैन्य अभियान को पूर्ण करना हमारे सैनिकों के जीवन की रक्षा और आने वाले हफ्तों तथा महीनों में अफगानिस्तान छोड़ने को इच्छुक लोगों की संभावनाओं को सुदृढ़ करने का सबसे बेहतर तरीका है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री से अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित करने को कहा है ताकि युद्धग्रस्त देश छोड़ने को इच्छुक किसी भी अमेरिकी, अफगान सहयोगियों और विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सके।