तेहरान/वॉशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स’ से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकार सीमित करने का 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित हो गया है। डेमोक्रैट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। अब इस प्रस्ताव को कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा, जहां इसके भाग्य का फैसला होना है। हालांकि सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों का बहुमत है और वहां से इस प्रस्ताव का पास होना मुश्किल लग रहा है। लेकिन यदि यह प्रस्ताव सीनेट से भी पास हो गया तो इसे प्रभाव में आने के लिए ट्रंप के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ट्रंप ने बुधवार को की थी शांति की पेशकश
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संकेत दिया था कि वह इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे। ईरान के हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में अमेरिकी बल सतर्कता बरत रहे हैं। व्हाइट हाउस से अपने संदेश में ट्रंप संकट को कमतर करने के प्रयास करते नजर आए। इससे पहले उन्होंने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को मारे जाने की मंजूरी दी थी और विवाद बढ़ने लगा था। ईरान ने भी रातोंरात जवाब देने का प्रयास किया जो 1979 के बाद अमेरिका पर पहला सीधा हमला था।
ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर दागी थीं मिसाइलें
ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सेना और गठबंधन बलों के कम से कम 2 ठिकानों पर 22 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं। ईरान ने कहा था कि यह हमला अमेरिका के ‘चेहरे पर एक तमाचा’ है। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा था कि ये हमले अमेरिका के ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने का बदला लेने के लिए किए गए। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने मिसाइल हमलों में जहां ‘कम से कम 80 आतंकी अमेरिकी सैनिकों’ के मारे जाने का दावा किया राकी सेना ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर कुल 22 मिसाइलें गिरीं, लेकिन इराकी बलों का कोई कर्मी हताहत नहीं हुआ है। बाद में ट्रंप ने भी ईरान के हमलों में किसी भी अमेरिकी के हताहत न होने की बात कही थी।