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बार-बार डांटने के बाद भी अमेरिका को ‘उम्मीद’, पाकिस्तान निभाएगा अपना यह वादा!

अमेरिका को अभी भी उम्मीद है कि पाकिस्तान ‘सही कदम’ उठाएगा और अपने वादे को पूरा करेगा...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 12, 2018 21:12 IST
Donald Trump and Shahid Khaqan Abbasi | AP Photo
Donald Trump and Shahid Khaqan Abbasi | AP Photo

वॉशिंगटन/इस्लामाबाद: अमेरिका ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि पाकिस्तान आतंकवादियों को उसे सौंपकर ‘सही कदम’ उठाएगा और अपने वादे को पूरा करेगा। अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ वांछित आतंकवादियों की एक सूची साझा की थी। इस सूची में शामिल आतंकवादियों का ताल्लुक जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हरकतुल मुजाहिदीन से है। अमेरिका का मानना है कि ये आतंकवादी संगठन पाकिस्तानी सरजमीं पर सक्रिय हैं और भारत और अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं। ‘पब्लिक डिप्लोमेसी ऐंड पब्लिक अफेयर्स’ मामलों के विदेश उपमंत्री स्टीवन गोल्डस्टीन ने कहा, ‘मुझे लगता है, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान सही कदम उठाएगा और आतंकवादियों को सौंप देगा और अपनी प्रतिबद्धता का पालन करेगा।’

गोल्डस्टीन ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि अमेरिका को इस बारे में अभी पाकिस्तान से कोई जानकारी नहीं मिली है कि उसने ट्रंप प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की सहायता रोके जाने के विरोध में इस्लामाबाद ने अमेरिका के साथ अपना सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोकने का कथित निर्णय लिया है। गोल्डस्टीन ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान वार्ता की मेज पर आएगा और उन आतंकवादियों को सौंपेगा जिन्हें सौंपे जाने के लिए हमने कहा है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सहायता केवल रोकी है और राशि पुन: आवंटित नहीं की गई है। गोल्डस्टीन ने कहा, ‘यह पाकिस्तान का काम है कि वह हमें जताई गई प्रतिबद्धता को गंभीरता से लें और सबसे जरूरी है कि वह पाकिस्तान के उन लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से ले और आगे आए जिन्हें इससे या किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हमारा रुख नहीं बदला है। वे अभी तक आगे नहीं आए हैं।’

पेंटागन ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के पास अपने देश के भीतर आतंकवादी खतरों से निपटने की क्षमता है। पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा, ‘हमारा मानना है कि पाकिस्तान के पास अपने देश के भीतर आतंकवादी खतरों से निपटने की क्षमता है।’ डाना ने अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में हाल में आए बदलाव के प्रश्न पर कहा, ‘उनके पास निर्णायक कदम उठाने का अवसर है और हम उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर उनके साथ काम करने के इच्छुक हैं।’ इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने संघीय रजिस्टर अधिसूचना में पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों को लेकर ‘स्पेशल वॉच लिस्ट’ में औपचारिक रूप से शामिल किया। टिलरसन ने इस सूची में पाकिस्तान को 4 जनवरी को शामिल किया था।

गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा बार-बार लताड़े जाने के बाद भी पाकिस्तान मामले पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका की ओर से आ रहे तमाम ‘शब्दाडंबर’ के बावजूद वह ‘जहां तक संभव होगा’ अमेरिका के साथ संवाद जारी रखेगा। यह बात विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने कही। जांजुआ ने कराची में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस ऐडमिनिस्ट्रेशन में ‘पाकिस्तान की विदेश नीति के मुद्दे’ विषय पर अपने व्याख्यान में कहा, ‘हमें अमेरिका की ओर से आ रहे तमाम शब्दाडंबर पर नपी-तुली प्रतिक्रिया जारी रखने की आवश्यकता है।’ पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘जहां तक संभव है पाकिस्तान अमेरिका के साथ संवाद करना चाहता है क्योंकि वह न केवल वैश्विक शक्ति है, बल्कि क्षेत्र में उसकी मौजूदगी है और हमारे लिए यह लगभग हमारा पड़ोसी है।’

इसके अलावा व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान में आतंकवाद की समस्या को लेकर चीन ने अमेरिका की कुछ चिंताओं को साझा किया है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन आतंकियों की पनाहगाहों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को राजी करने के लिए बीजिंग तथा अन्य क्षेत्रीय ताकतों के साथ काम करना चाह रहा है। अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान में आतंकवादियों की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए दृढ़ है जो अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए जरूरी है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि इन पनाहगाहों पर कार्रवाई करने के लिए चीन पाकिस्तान को राजी करने में मददगार की भूमिका अदा करेगा। उन पर कार्रवाई करना खुद पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित में है। इस वजह से माना जा रहा है कि चीन के चलते पाकिस्तान पर आतंकियों पर कार्रवाई करने का दबाव बन सकता है।

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