तेहरान: ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि अमेरिका के पास इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ साल 2015 के पहले के सभी प्रतिबंधों को बहाल करने का 'कोई अधिकार नहीं' है। जरीफ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के चेयरमैन को लिखे पत्र में यह बात कही है। जरीफ ने यह पत्र गुरुवार को लिखा था और शुक्रवार को ईरानी विदेश मंत्रालय द्वारा इसे सार्वजनिक किया गया था।
उन्होंने पत्र में लिखा है, "डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन मेकैनिज्म सिर्फ वास्तविक जेसीपीओए प्रतिभागियों के लिए खुला है।" हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने यूएनएससी रिजॉल्यूशन 2231 द्वारा लागू ज्वॉइंट कंप्रेहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) में सहभागी बने रहने का दावा किया है। अमेरिका का उद्देश्य जेसीपीओए के डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन मेकैनिज्म का पहल करना और ईरान पर यूएनएससी प्रतिबंधों को फिर से लागू करना है।
जरीफ ने आगे कहा कि अमेरिका ने जेसीपीओए और रिजॉल्यूशन 2231 दोनों का इससे अलग होने के साथ उल्लंघन किया है और एकतरफा रवैया अपनाते हुए ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू किया है। इसके साथ ही अमेरिका संकल्प का पालन करने वालों को दंडित भी कर रहा है।
जरीफ ने यूएनएससी को अमेरिका को 'एकतरफा और गैरकानूनी रूप से डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन मेकैनिज्म का दुरुपयोग करने' से रोकने के लिए कहा। जरीफ का बयान फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के बाद आया है। इन देशों ने ईरान पर प्रतिबंधों की मांग करने में अमेरिका का समर्थन नहीं किया है।
इससे पहले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को जानकारी दी थी कि वह ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को फिर से बहाल करने के लिए पहल करेगा। अमेरिका ने कहा कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश को खुले आम किसी भी तरह के पारम्परिक हथियार (युद्ध में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले) खरीदने और बेचने नहीं देगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने महासचिव गुतारेस तथा अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष इंडोनेशिया के राजदूत डियान त्रियानस्याह डजानी से मुलाकात की।
पोम्पिओ ने उन्हें वे पत्र सौंपे, जिसमें ईरान पर एक तरह से संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल करने के अमेरिका के फैसले की जानकारी दी गयी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 के तहत ईरान पर से ये प्रतिबंध हटा लिये गये थे। इसके तहत 20 अगस्त से 30 दिन के भीतर ये सभी प्रतिबंध दोबारा लागू हो जाएंगे।