बीजिंग | हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के शक्ति प्रदर्शन करने को लेकर अमेरिकी चिंताओं के बीच चीनी राष्ट्रपति शी चिंनफिंग ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों की अच्छी गति को अवश्य ही बनाए रखना चाहिए।
मैटिस ने दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण को लेकर की थी चीन की आलोचना
पेंटागन प्रमुख ने शी से कहा,‘‘मैं यहां हमारे संबंधों को सही दिशा में ले जाने, सही दिशा में आगे बढ़ाने और आपके सैन्य नेतृत्व से विचार साझा करने के लिए यहां आया हूं।’’ हालांकि, ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल’ में दोनों नेताओं के बीच बैठक से पहले सैन्य और व्यापारिक संबंधों में बढ़ रहे तनाव के बारे में कुछ नहीं कहा गया। लेकिन मैटिस ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का सैन्यीकरण करने को लेकर इस महीने की शुरूआत में चीन की तीखी आलोचना की थी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक विवाद छेड़ दिया है।
शी ने कहा, ‘‘चीन और अमेरिका के बीच संबंध विश्व के सबसे अहम द्विपक्षीय संबंधों में एक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों की गति काफी अच्छी थी। मैं उम्मीद करता हूं कि सैन्य संबंधों की यह गति जारी रहेगी।’’ मैटिस कल सुबह तक चीन में अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे और इसके बाद वह सोल तथा तोक्यो के लिए रवाना हो जाएंगे।
चीन पर निवेश सीमा लगाने से कदम पीछे खीचे ट्रंप ने
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब उस प्रस्ताव से कदम पीछे खीचने लगे हैं जिसके तहत अमेरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में चीनी निवेश और चीन को उच्च-प्रौद्योगिकी निर्यात की सीमाएं तय करने की बात है। इसके बजाए राष्ट्रपति ने कांग्रेस से मौजूदा समीक्षा प्रक्रिया को और तेज करने को कहा है। डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब इस मुद्दे पर तीखी बहस हो रही है और चीनी निवेश पर प्रतिबंध को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं जिससे वित्तीय बाजारों में सप्ताह के शुरू में भारी गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के संवेदनशील प्रौद्योगिकी उद्योग को बचाने के लिए चीनी निवेश पर तुरंत प्रतिबंध लगाने के बजाए अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह अमेरिका में विदेशी निवेश पर गठित मौजूदा समिति के तहत चल रही विदेशी निवेश समीक्षा को विस्तार देने के लिए विधेयक पारित करने में कांग्रेस के साथ मिलकार काम करेगा।
वित्त मंत्री स्टीवन नूचिन ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि इस मामले में वित्तीय बाजारों में भारी उठापटक को देखते हुए सरकार ने अपना रुख नरम किया है। नूचिन निवेश समिति के अध्यक्ष भी हैं। नूचिन ने चीन के समक्ष कमजोर पड़ने की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कमजोर अथवा मजबूत होने का सवाल है, सवाल यह है कि उचित साधन क्या है?’’ सदन ने एकतरफा मत से यह मंजूर किया है कि समिति के अधिकार बढ़ाए जाए। यह समिति ही यह तय करेगी कि क्या विदेशी निवेश से अमेरिका को किसी तरह का सुरक्षा खतरा है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के जरिए यह उपाय नहीं होता है तो प्रशासन अपने स्तर पर शक्तियों की समीक्षा करेगा और अमेरिका की संवेदनशील प्रौद्योगिकी की रक्षा करेगा।