नई दिल्ली: अफगानिस्तान में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद वहां हमले रुक नहीं रहे हैं जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से शांति कायम करने की ओर आगे बढ़ने पर चर्चा की लेकिन ट्रंप की अपील के कुछ घंटों बाद ही अफगानिस्तान में तालिबानी हमला हुआ। इस हमले का जवाब अमेरिका ने तालिबान पर हवाई हमले से दिया। इसकी जानकारी अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने दी।
दोनों तरफ से हो रहे हमलों से दोहा शांति समझौते पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच हाल में समझौता हुआ है। समझौते के तहत अमेरिका अफगानिस्तान से अब करीब 18 साल बाद अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए मान गया है। यह सेना 14 महीने के अंदर बुला ली जाएगी। जानकार पहले ही मान रहे थे कि यह समझौता बनाए रखना इतना आसान नहीं है।
बता दें कि इससे पहले व्हाइट हाउस ने जानकारी दी थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने तालिबान नेता से बात की है। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति और आतंकवादी समूह के बीच फोन पर बातचीत की यह जानकारी पहली बार सामने आयी।
टेलीफोन पर यह ऐतिहासिक बातचीत तब हुई जब तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में आंशिक युद्धविराम को खत्म कर दिया जिससे 10 मार्च को शुरू होने वाली अंतर-अफगान वार्ता को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि मंगलवार को हुई इस बातचीत में ट्रंप ने हिंसा में कमी लाने की जरूरत पर जोर दिया जिसके चलते अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका, अफगान लोगों का सहयोग करते रहने के लिए तैयार है।