यंगून: पश्चिमी म्यांमार में रोहिंग्या उग्रवादियों के एक हमले में 12 सुरक्षाकर्मियों और 77 रोहिंग्या मुस्लिमों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने अधिकारियों से अपील की है कि वे ऐसी जवाबी कार्रवाई न करें, जो तनाव बढ़ा सकती हो। गौरतलब है कि म्यांमार में नाटकीय रूप से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है और हिंसा की इस हालिया घटना ने क्षेत्र को तबाह कर दिया है। देश की नेता आंग सान सू की के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि सेना और सीमा पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध सफाया अभियान चलाकर उनका जवाब दिया।
पुलिस ने बंदूकों, हथियारों, देसी ग्रेनेडों से लैस कम से कम 100 रोहिंग्या हमलावरों को खदेड़ दिया। कमांडर इन चीफ मिन आंग हैइंग ने फेसबुक पर एक बयान में कहा, 'सेना और पुलिस चरमपंथी बंगाली आतंकवादियों के खिलाफ मिलकर लड़ रही है। म्यांमार सरकार रोहिंग्या उग्रवादियों को बंगाली आतंकवादी कहती है।' जब्त हथियारों को सरकार द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई तस्वीरों में दिखाया गया है। सू की ने इन हमलों को राखिन प्रांत में शांति एवं सौहार्द की इच्छा रखने वाले लोगों के प्रयासों को कमजोर करने की एक सोची-समझी रणनीति बताया है।
अमेरिका में विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने वॉशिंगटन में कहा कि आगामी हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए और दोषियों को न्याय के कटघरे तक लाने के लिए काम करते समय सुरक्षा बलों को कानून का सम्मान करना चाहिए और मानवाधिकारों एवं मौलिक आजादी की रक्षा करनी चाहिए। शुक्रवार को हुई हिंसा की वजह से और कई रोहिंग्या लोगों को देश छोड़ना पड़ा लेकिन बॉर्डर गार्ड ने कहा कि उन्हें सीमा पार करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।