Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. UN ने बनाया दबाव, म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस घर लौटने की दे अनुमति

UN ने बनाया दबाव, म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस घर लौटने की दे अनुमति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज म्यांमार से रखाइन प्रांत में अपनी सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने और हिंसा के कारण बेघर हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया।

Edited by: India TV News Desk
Published on: November 07, 2017 10:25 IST
united nation- India TV Hindi
united nation

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज म्यांमार से रखाइन प्रांत में अपनी सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने और हिंसा के कारण बेघर हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया। चीन द्वारा समर्थित एक सर्वसम्मत बयान में परिषद ने उस हिंसा की कड़ी निंदा की जिसके कारण 6,00,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान सीमा-पार कर बांग्लादेश जाने को मजबूर हो गए। परिषद ने ‘‘म्यांमार सुरक्षा बलों’’ सहित अन्य के द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों को मार डालने, यौन उत्पीड़न करने और उनके घरों एवं संपत्ति को आग के हवाले करने सहित मानवाधिकार के उल्लंघनों पर ‘‘गंभीर चिंता’’ व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ‘‘नागरिक प्रशासन को बहाल करने एवं कानून लागू करने के लिए, सरकार यह सुनिश्चित करे कि अब रखाइन प्रांत में सेना का अत्यधिक इस्तेमाल न हो।’’ (फ्रांस की पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ को एक बार फिर मिली धमकी)

अबतक 6,00,000 से अधिक रोहिंग्या अपने घर छोड़ने को हुए मजबूर

बयान में ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा पिछले माह प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव में निहित अधिकतर मांगे शामिल थीं लेकिन उन मांगों का चीन द्वारा कड़ा विरोध किया गया था। चीन म्यांमार की पूर्व जुंटा सरकार का समर्थक है। राजनयिकों ने कहा कि चीन ने संकेत दिया था कि प्रस्ताव को खारिज करने के लिए वह अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन अंतत: बीजिंग वार्ता के दौरान बयान पर सहमत हो गया। अगस्त के आखिर से अभी तक सैन्य कार्रवाई के कारण 6,00,000 से अधिक रोहिंग्या अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ‘जातीय सफाया’ करार दिया है। म्यांमार के अधिकारियों का कहना है कि सैन्य कार्रवाई का लक्ष्य उन रोहिंग्या उग्रवादियों को खदेड़ना है जिन्होंने पुलिस चौकियों पर हमले किए हैं।

‘‘सबको समान रूप से पूर्ण नागरिकता’’

परिषद के सदस्यों ने मांग की कि रखाइन में मानवीय सहायता कर्मियों को जाने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह ‘‘सबको समान रूप से पूर्ण नागरिकता’’ की अनुमति दे ताकि संकट के मूल कारण का समाधान हो सके। बहरहाल, बयान में प्रतिबंध लगाने की कोई चेतावनी नहीं दी गई है। राजनायिकों ने बताया कि चीन के साथ वार्ता के दौरान, बयान में नागरिकता के अधिकार पर अधिक जोर नहीं दिया गया है क्योंकि मांग यह थी कि म्यांमार संयुक्त राष्ट्र के एक मानवाधिकार मिशन को देश में आने की अनुमति दे। बयान में कहा गया कि म्यांमार संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करे और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को म्यामां पर एक विशेष सलाहकार नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करे।

शिखर सम्मेलन में उठेगा रोहिंग्या शरणार्थी का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के उप राजदूत जोनाथन एलेन ने कहा कि प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले के बावजूद परिषद ने एकजुटता से एक कड़ा संदेश जारी किया है। विश्व संस्था के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस इसी सप्ताह मनीला जाने की तैयारी कर रहे हैं जहां दक्षिण पूर्वी एशियाई (एएसईएएन) ब्लॉक के नेता एक शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र होंगे। समझा जाता है कि इस माह के आखिर में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में रोहिंग्या शरणार्थी का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वह इस माह के आखिर में विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को म्यांमार भेजेंगे।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement