संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान के काबुल और नंगरहार में हुए आतंकी हमलों की कड़ी भर्त्सना करते हुए हमलों को “कायराना” करार दिया है और अस्पताल में नवजात शिशुओं, मांओं और स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों को “घिनौनी” कार्रवाई की संज्ञा दी है। आतंकवादियों ने मंगलवार को काबुल में एक जनाना अस्पताल में हमला किया था जिसमें कम से कम बीस आम नागरिकों की मौत हो गई थी। मृतकों में दो नवजात शिशु, उनकी माएं और कुछ नर्सें भी शामिल थे। उसी दिन नांगरहार प्रांत में एक जनाजे पर हुए एक आत्मघाती हमले में 24 लोगों की मौत हो गई और 68 अन्य घायल हो गए। नंगरहार इस्लामिक स्टेट का गढ़ है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को जारी एक वक्तव्य में कहा, “सुरक्षा परिषद के सदस्य पुनः इसकी पुष्टि करते हैं कि आतंकवाद अपने विभिन्न स्वरूपों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। जानबूझकर नवजात शिशुओं, बच्चों, मांओं और स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाकर हमले करना घिनौना काम है और इसकी भर्त्सना की जानी चाहिए।” सुरक्षा परिषद ने हमला करने वालों और उनकी आर्थिक रूप से सहायता करने वालों को उत्तरदायी बनाने और उनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस ने भी अफगानिस्तान में हुए भयानक हमलों की निंदा की और कहा कि इस प्रकार के हमले बर्दाश्त नहीं किए जाने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “महासचिव मंगलवार को काबुल के अस्पताल पर हुए हमलों की निंदा करते हैं जिसमें बच्चों और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल हुए और मारे गए।”