नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच बंद कमरे में करीब पचास मिनट तक बातचीत हुई। ये वन-टू-वन मुलाकात थी यानि किम और ट्रंप के अलावा कमरे में केवल ट्रांसलेटर मौजूद थे। इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत शुरू हुई है। बातचीत जिस गर्मजोशी भरे माहौल में शुरू हुई है उससे पूरी दुनिया को पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद है। ट्रंप और किम जोंग ने दोनों देशों के बीच नए शानदार संबंधों के आगाज का स्वागत किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप और किम जोंग उन सेंटोसा द्वीप के कैपेला होटल में सिंगापुर के समयानुसार सुबह नौ बजे मिले और बड़ी ही गर्मजोशी से एक-दूसरे से हाथ मिलाया।
लगभग 12 सेकंड तक दोनों नेताओं ने मिलाए हाथ
दोनों नेताओं ने लगभग 12 सेकंड तक हाथ मिलाए। फोटोग्राफर्स के सामने ट्रंप ने अपना हाथ किम जोंग के कंधे पर रख लिया। इसके बाद दोनों नेता उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्र को सुलझाने के प्रयास के तहत मुलाकात के लिए भीतर चले गए। इस दौरान ट्रंप ने कहा, "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। यह बेहतरीन चर्चा होगी और मुझे लगता है कि यह सफल रहेगी। यह बहुत सफल होगी और हमारे बीच संबंध बेहतरीन होंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है।"
क्या चाहते हैं ट्रम्प और किम?
अमेरिका चाहता है किम जोंग परमाणु कार्यक्रम रोक दे तो वहीं किम जोंग चाहता है कि अमेरिका उस पर लगे बैन हटा दे। अमेरिका चाहता है कि किम जोंग मिसाइल पर रोक लगाए तो किम जोंग चाहता है कि देश के विकास में अमेरिका सहयोग करे। मिसाइल की सनक रखने वाले किम जोंग मुलाकात से पहले कह चुके हैं कि यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। दुनिया हमारी मतभेद देख चुकी है और अब सारे मतभेद को भूलाकर इस मीटिंग में हम दोनों शामिल होने आये हैं।
सिंगापुर से रवाना होने से पहले इस बैठक का संयुक्त बयान जारी किया जाएगा
किम जोंग ने कोरियाई भाषा में कहा कि पुरानी धारणाएं हमारे मार्ग में बाधा बनी लेकिन हमने इन बाधाओं को पार कर लिया है और आज हम यहां मौजूद हैं।" वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, दोनों नेताओं के सिंगापुर से रवाना होने से पहले इस बैठक का संयुक्त बयान जारी किया जाएगा।
लगभग 45 मिनट तक चली यह बैठक
दोनों नेताओं के बीच यह बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। इस दौरान दोनों पक्षों के वरिष्ठ सहयोगी भी थे। अमेरिका की ओर से ट्रंप के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली और फिलीपींस में अमेरिका के राजदूत सुंग किम भी हैं।
वहीं, उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री री योंग हो, उपविदेश मंत्री चो सोन हुई और सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष किम योंग चोल मौजूद हैं। उत्तर कोरिया के चो और अमेरिकी राजदूत सुंग किम के बीच सोमवार को बैठक को अंतिम रूप देने को लेकर र्कायकारी बैठक हुई थी। दोनों नेता रविवार को ही सिंगापुर पहुंच गए थे और दोनों ने ही सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग से अलग-अलग मुलाकातें कीं।