बीजिंग: एशिया दौरे पर आए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज चीन पहुंच गए हैं। वह अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ उत्तर कोरिया पर दबाव बनाकर परमाणु कार्यक्रम खत्म कराने और दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच व्यापारिक कड़वाहट सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे। ट्रंप की तीन दिवसिय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के कारोबारी समझौते पर हस्ताक्षर भी होने हैं। ट्रंप के पहले चीनी दौरे पर चीन राजकीय स्वागत से भी कहीं अधिक बड़े स्वागत की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। चीनी अधिकारी इस यात्रा को चीन-अमेरिका संबंध के लिए ऐतिहासिक बता रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग को अपना दूसरा कार्यकाल संभाले हुए दो सप्ताह से भी कम समय बीता है। शी को माओ त्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता माना जा रहा है। (मात्र 48 घंटे में सऊदी के इस प्रिंस ने गंवाए 78 अरब रुपए)
ट्रंप की यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत यहां चीनी समकक्ष जिनपिंग के साथ चाय पीने से होगी। इसके बाद दोनों नेता चीन के प्रसिद्ध फॉरबिडन सिटी जाएंगे। यह स्थान तियानामेन स्क्वायर के करीब है। दोनों नेता इसके बाद एक निजी भोज में शामिल होंगे। चीन के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में कल ट्रंप का एक औपचारिक स्वागत होगा। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी। वहीं इस समारोह के बाद ट्रंप एक कारोबारी कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे, जिसके बाद एक साझा मीडिया कार्यक्रम भी होगा। ट्रंप चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी मुलाकात करेंगे।
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयींग ने कल एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि यह दौरा राष्ट्रपति शी और ट्रंप के लिए दोनों देशों से संबंधित मुद्दों पर गहराई से अपने विचार आदान-प्रदान करने का मौका उपलब्ध कराता है। चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्सटैड ने बताया कि दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच होने वाली बैठक से विवादपूर्ण मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। ट्रंप द्वारा जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से दोनों ही नेताओं के बीच करीबी संपर्क रहा है। अब तक दोनों नेताओं की दो बार मुलाकात हो चुकी है और फोन पर आठ बार बातचीत हो चुकी है।