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जाधव के मामले की तुलना असैन्य कैदियों से करना तर्क का उपहास: पाकिस्तान

पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि कुलभूषण जाधव के मामले की तुलना असैन्य कैदियों से करना तर्क का उपहास है। इससे पहले शनिवार को भारत ने जाधव तक जल्द राजनयिक पहुंच देने की मांग की थी जिन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है।

Bhasha
Updated on: July 02, 2017 18:34 IST
Kulbhushan Jadhav | AP Photo- India TV Hindi
Kulbhushan Jadhav | AP Photo

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि कुलभूषण जाधव के मामले की तुलना असैन्य कैदियों से करना तर्क का उपहास है। इससे पहले शनिवार को भारत ने जाधव तक जल्द राजनयिक पहुंच देने की मांग की थी जिन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है। विदेश कार्यालय ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा, ‘भारत की कमांडर जाधव मामले की तुलना असैन्य कैदियों एवं मछुआरों से करने की कोशिश तर्क का उपहास है।’

शनिवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की एक सूची का आदान प्रदान किया था जिसके बाद विदेश कार्यालय ने यह टिप्पणी की। पाकिस्तान द्वारा मुहैया करायी गई सूची के अनुसार देश की जेलों में कम से कम 546 भारतीय नागरिक बंद हैं जिनमें से करीब 500 मछुआरे हैं। विदेश कार्यालय ने कहा, ‘कमांडर जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवारत अधिकारी हैं जिन्हें भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने जासूसी, आतंकवाद एवं विद्रोही गतिविधियों के लिए पाकिस्तान भेजा था, जिनके कारण कई निर्दोष जानें गईं और संपत्ति का नुकसान हुआ।’

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान राजनयिक पहुंच से संबंधित 2008 के समझाौते के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है जिसके तहत दोनों एक-दूसरे की जेलों में बंद अपने अपने नागरिकों की सूची का हर साल दो बार (एक जनवरी एवं एक जुलाई को) आदान-प्रदान करते हैं। कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान ने समझाौते का पूरी भावना से कार्यान्वयन किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मानवीय मामले राजनीति की भेंट ना चढ़े। विदेश कार्यालय ने कहा, ‘हम भारत से बयानबाजी की बजाए कार्वाई के जरिये इसका जवाब देने की उम्मीद करते है।’

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