काबुल: अफगानिस्तान में टोलो न्यूज के रिपोर्टर जियार याद की तालिबान द्वारा हत्या की खबर अफवाह साबित हुई है। तालिबान के लोगों ने टोलो न्यूज रिपोर्टर के साथ मारपीट की थी जबकि हत्या की अफवाह उड़ा दी गई। हत्या की खबर फैलने के तुरंत बाद रिपोर्टर जियार याद ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान के लोगों ने उसके साथ मारपीट की, उसके कैमरे, टेक्वनिकल इक्विपमेंट और मोबाइल फोन छीन लिए गए। इस बीच कुछ लोगों ने उनकी हत्या की खबर फैला दी जो कि गलत है।
इससे पहले TOLO न्यूज ने ट्वीट कर अपने रिपोर्टर की हत्या की जानकारी दी थी। बताया गया था कि रिपोर्टर की हत्या के पीछे तालिबान के आतंकियों का हाथ है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की डेडलाइन 31 अगस्त है। इस बीच काबुल में हालात खराब होते जा रहे हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले तालिबान के आतंकियों ने अफगानिस्तान में अफगान बलों और तालिबानी आतंकवादियों के बीच जंग को कवर करने के दौरान भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी थी। वर्ष 2018 में पुलित्जर पुरस्कार जीत चुके सिद्दीकी रॉयटर्स समाचार एजेंसी के लिए काम करते थे। पाकिस्तान के साथ सीमा के पास स्पिन बोल्डक शहर में शुक्रवार को वह मारे गए। उस दौरान वह अफगान विशेष बलों के साथ जुड़े हुए थे।
अफगानिस्तान का संपर्क दुनिया से काटने को लेकर ब्रिटेन की तालिबान को चेतावनी
ब्रिटेन ने अफगानिस्तान का संपर्क शेष दुनिया से काटने के प्रयासों के खिलाफ तालिबान को चेतावनी दी और उससे अपनी सीमाएं खुली रखने का अनुरोध किया। विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि 31 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे से पश्चिमी सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान द्वारा देश को बंद करने के प्रयासों से एक “शरणार्थी संकट” पैदा हो सकता है क्योंकि लोग पड़ोसी देशों में जाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की सीमा “विषम और व्यापक” है तथा देश को बाकी दुनिया से अलग-थलग करने की कोशिश नाकाम हो जाएगी। उन्होंने ‘टाइम्स रेडियो’ को बताया, “अगर तालिबान नेतृत्व जैसा वह कहते हैं कि रातोंरात प्रतिभा पलायन रोकना चाहते हैं तो सीमाओं को बंद कर वह ऐसा नहीं कर पाएंगे।” उन्होंने कहा, “आप देखेंगे कि बड़ी संख्या में शरणार्थी बाहर जा रहे हैं और उन्हें प्रक्रिया में लेना भी पड़ेगा। वे महज कुछ सड़कें बंद कर शरणार्थी संकट से बच नहीं पाएंगे, वे अफगानिस्तान की सीमा को भली-भांति बंद नहीं कर पाएंगे, जो विषम और व्यापक है।”
उन्होंने बुधवार को एक के बाद एक दिए गए साक्षात्कार में मीडिया में आई उन खबरों को भी खारिज किया जिनमें कहा गया था कि इस महीने जब अफगानिस्तान संकट चरम पर था तब वे समुद्र किनारे छुट्टियां मना रहे थे।
इनपुट-भाषा